करो योग, रहो निरोग
स्वस्थ बनाना है तन मन को,
तो नित योगा को अपनाओ।
ध्यान योग जीवन में लाकर
सब रोगों से मुक्ति पाओ।
हजारों वर्षों से भारत ने,
ध्यान योग को अपनाया।
योग के चमत्कार से विश्व में
अपना लोहा मनवाया।
सृष्टि के प्रथम महायोगी का,
मिलकर सब ध्यान लगाओ
ऋषि पतंजलि योगा गुरु के,
श्री चरणों में शीश नवाओ।
नित्य करो सब योगासन,
रोगों से मुक्ति पाओ।
योगा में किये गये आसन
योगासन कहलाता।
साँसों का शुद्धिकरण
प्राणायाम हो जाता।
भ्रामरी, भस्त्रिका, पदमासन,
कपालभाति, अनुलोम-विलोम
चक्रासन, वीरासन, धनुरासन
हैं भाँति-भाँति के आसन
नित्य करो सब योगासन,
रोगों से मुक्ति पाओ।
माँस-पेशियों को देता आराम,
संतुलन शरीर का बनाता।
तनाव-चिंता से करता मुक्त,
एकाग्रता को है बढ़ाता
नित्य करो सब योगासन
बीमारी को दूर भगाओ।
जीवन है अनमोल धरोहर,
रोगों से इसे बचाओ।
करो सब ध्यान योग,
रोगो से मुक्ति पाओ।
रचयिता
उषा त्रिवेदी,
प्रधानाध्यापिका,
राजकीय प्राथमिक विद्यालय कोट,
विकास खण्ड-नरेंद्र नगर,
जनपद-टेहरी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड।
तो नित योगा को अपनाओ।
ध्यान योग जीवन में लाकर
सब रोगों से मुक्ति पाओ।
हजारों वर्षों से भारत ने,
ध्यान योग को अपनाया।
योग के चमत्कार से विश्व में
अपना लोहा मनवाया।
सृष्टि के प्रथम महायोगी का,
मिलकर सब ध्यान लगाओ
ऋषि पतंजलि योगा गुरु के,
श्री चरणों में शीश नवाओ।
नित्य करो सब योगासन,
रोगों से मुक्ति पाओ।
योगा में किये गये आसन
योगासन कहलाता।
साँसों का शुद्धिकरण
प्राणायाम हो जाता।
भ्रामरी, भस्त्रिका, पदमासन,
कपालभाति, अनुलोम-विलोम
चक्रासन, वीरासन, धनुरासन
हैं भाँति-भाँति के आसन
नित्य करो सब योगासन,
रोगों से मुक्ति पाओ।
माँस-पेशियों को देता आराम,
संतुलन शरीर का बनाता।
तनाव-चिंता से करता मुक्त,
एकाग्रता को है बढ़ाता
नित्य करो सब योगासन
बीमारी को दूर भगाओ।
जीवन है अनमोल धरोहर,
रोगों से इसे बचाओ।
करो सब ध्यान योग,
रोगो से मुक्ति पाओ।
रचयिता
उषा त्रिवेदी,
प्रधानाध्यापिका,
राजकीय प्राथमिक विद्यालय कोट,
विकास खण्ड-नरेंद्र नगर,
जनपद-टेहरी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड।
Comments
Post a Comment