प्यारे बच्चों
आओ प्यारे बच्चों आओ,
नाचो कूदो मौज उड़ाओ।
कर लो थोड़ी मौज मस्ती,
आदत डालो अच्छी-अच्छी।
लड़ाई झगड़ा करो कभी मत,
अपशब्द किसी से कहो कभी मत।
रोज समय पर जाओ स्कूल,
कॉपी पेंसिल मत जाओ भूल।
हाथ जोड़ करो प्रभु का ध्यान,
माँगो विद्या का वरदान।
उछल कूद व्यायाम करो नित,
शरीर स्वस्थ बनाओ नित।
आओ करें कविता का गान,
ना भूलना इनको रखना ध्यान।
सामान्य ज्ञान के तथ्य बताऊँ,
कब कहाँ और कैसे बतलाऊँ।
अब क्लास के अंदर जाओ सब,
करो पढाई अब तुम सब।
हिंदी, अंग्रेजी और गणित विषय,
इनको पढ़ने का आया समय।
कॉपी पेन निकालो तुम सब,
नोट करो क्लासवर्क तुम सब।
लंच की घंटी टन टन बोली,
खाओ एमडीएम ये है बोली।
धो लो साबुन से हाथ और थाली,
कीटाणुओं पर वार जाए ना खाली।
सेहत से ना खिलवाड़ करो तुम,
रहो स्वच्छ ना पड़ो बीमार तुम।
खाओ खाना जितना तुम सब,
उतना ही लो खाना तुम सब।
ना करो अन्न का तुम अपमान,
करो भोजन का सम्मान।
आओ अब हम सब खेलें खेल
मित्रों संग बनाएँ रेल।
अरे फिर से क्यों ये घंटी बोली,
अभी तो बनी थी अपनी टोली।
आओ बच्चों क्लास में आओ
कल का हमको सबक सुनाओ।
शिक्षा है एक अनमोल रतन
इसको पाने का कुछ करो जतन।
सदा गुरु का मान करो तुम,
अपने से बड़ों का सम्मान करो तुम।
पढ़ लिख कर जग में नाम कमाओ,
अपनी किस्मत तुम खुद चमकाओ।
मन लगाकर करो खूब पढाई,
रखो सबसे खूब सलाई।
चलो बच्चों अब छुट्टी हो गई,
घर जाने की बेला हो गई।
सीधे घर को जाना तुम,
कल फिर से विद्यालय आना तुम।
खूब करेंगे मिलकर मस्ती,
बातें सीखेंगे अच्छी-अच्छी।
रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।
नाचो कूदो मौज उड़ाओ।
कर लो थोड़ी मौज मस्ती,
आदत डालो अच्छी-अच्छी।
लड़ाई झगड़ा करो कभी मत,
अपशब्द किसी से कहो कभी मत।
रोज समय पर जाओ स्कूल,
कॉपी पेंसिल मत जाओ भूल।
हाथ जोड़ करो प्रभु का ध्यान,
माँगो विद्या का वरदान।
उछल कूद व्यायाम करो नित,
शरीर स्वस्थ बनाओ नित।
आओ करें कविता का गान,
ना भूलना इनको रखना ध्यान।
सामान्य ज्ञान के तथ्य बताऊँ,
कब कहाँ और कैसे बतलाऊँ।
अब क्लास के अंदर जाओ सब,
करो पढाई अब तुम सब।
हिंदी, अंग्रेजी और गणित विषय,
इनको पढ़ने का आया समय।
कॉपी पेन निकालो तुम सब,
नोट करो क्लासवर्क तुम सब।
लंच की घंटी टन टन बोली,
खाओ एमडीएम ये है बोली।
धो लो साबुन से हाथ और थाली,
कीटाणुओं पर वार जाए ना खाली।
सेहत से ना खिलवाड़ करो तुम,
रहो स्वच्छ ना पड़ो बीमार तुम।
खाओ खाना जितना तुम सब,
उतना ही लो खाना तुम सब।
ना करो अन्न का तुम अपमान,
करो भोजन का सम्मान।
आओ अब हम सब खेलें खेल
मित्रों संग बनाएँ रेल।
अरे फिर से क्यों ये घंटी बोली,
अभी तो बनी थी अपनी टोली।
आओ बच्चों क्लास में आओ
कल का हमको सबक सुनाओ।
शिक्षा है एक अनमोल रतन
इसको पाने का कुछ करो जतन।
सदा गुरु का मान करो तुम,
अपने से बड़ों का सम्मान करो तुम।
पढ़ लिख कर जग में नाम कमाओ,
अपनी किस्मत तुम खुद चमकाओ।
मन लगाकर करो खूब पढाई,
रखो सबसे खूब सलाई।
चलो बच्चों अब छुट्टी हो गई,
घर जाने की बेला हो गई।
सीधे घर को जाना तुम,
कल फिर से विद्यालय आना तुम।
खूब करेंगे मिलकर मस्ती,
बातें सीखेंगे अच्छी-अच्छी।
रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।
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