मानव कंकाल
मानव शरीर को जो दे एक निश्चित आकार,
वही हड्डियों का ढांचा कंकाल तंत्र कहलाता है।
आंतरिक कंकाल के भाग हैं मुख्यतः दो,
एक अक्षीय और दूसरा अनुबंधीय कहलाता है।
खोपड़ी, वक्ष और मेरुदंड है जिसमें शामिल,
यही तीनों मिलकर अक्षीय कंकाल कहलाता है।
हाथ, पैर और मेखलाएँ हैं जिसमें शामिल,
वो तीनों मिलकर अनुबंधीय कंकाल कहलाता है।
हाथ की हड्डी को जोड़े जो अक्षीय कंकाल से,
वही हड्डी अंश मेखला कहलाता है।
पैर की हड्डी को जोड़े जो अक्षीय कंकाल से,
वही हड्डी श्रोणि मेखला कहलाता है।
खोपड़ी में अठ्ठाईस और वक्ष में होती चौबीस,
और हड्डियाँ होती मेरुदंड में कुल छब्बीस।
हाथ, पैर और मेखलाएँ मिलकर होतीं एक सौ अठ्ठाईस,
दो सौ छः हड्डियाँ व्यस्क मानव में और नहीं कोई गुंजाइश।
शरीर को सुंदर और सुडौल दे आकार,
चलना - फिरना और हर गतिविधि का है ये आधार।
रचयिता
माधुरी जायसवाल,
सहायक अध्यापक,
अभिनव पूर्व माध्यमिक विद्यालय इब्राहिमाबाद,
विकास खण्ड-सिकरारा,
जनपद-जौनपुर।
वही हड्डियों का ढांचा कंकाल तंत्र कहलाता है।
आंतरिक कंकाल के भाग हैं मुख्यतः दो,
एक अक्षीय और दूसरा अनुबंधीय कहलाता है।
खोपड़ी, वक्ष और मेरुदंड है जिसमें शामिल,
यही तीनों मिलकर अक्षीय कंकाल कहलाता है।
हाथ, पैर और मेखलाएँ हैं जिसमें शामिल,
वो तीनों मिलकर अनुबंधीय कंकाल कहलाता है।
हाथ की हड्डी को जोड़े जो अक्षीय कंकाल से,
वही हड्डी अंश मेखला कहलाता है।
पैर की हड्डी को जोड़े जो अक्षीय कंकाल से,
वही हड्डी श्रोणि मेखला कहलाता है।
खोपड़ी में अठ्ठाईस और वक्ष में होती चौबीस,
और हड्डियाँ होती मेरुदंड में कुल छब्बीस।
हाथ, पैर और मेखलाएँ मिलकर होतीं एक सौ अठ्ठाईस,
दो सौ छः हड्डियाँ व्यस्क मानव में और नहीं कोई गुंजाइश।
शरीर को सुंदर और सुडौल दे आकार,
चलना - फिरना और हर गतिविधि का है ये आधार।
रचयिता
माधुरी जायसवाल,
सहायक अध्यापक,
अभिनव पूर्व माध्यमिक विद्यालय इब्राहिमाबाद,
विकास खण्ड-सिकरारा,
जनपद-जौनपुर।
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