आस और विश्वास
मुझे देख आज सामने
मौन विद्यालय बोल पड़ा।
छोड़ मुझे अकेला यहाँ
क्यों है मुझ पर ताला जड़ा।
बच्चों की कोलाहल से
गूँजता था मेरा कोना-कोना।
आज यहाँ कोई नहीं
कैसा पसरा है वीराना।
क्यों नहीं गूँजते ईश वंदना के सुर
क्यों है यह मैदान अनजान पड़ा।
कहाँ है मेरे आँचल के नूर
कब से तरसता मैं खड़ा खड़ा।
सामने से उजड़ी बगिया भी
लिपट-लिपट कर हो रही थी बेकरार।
पूछने लगी कब खिलेंगे फूल
कब लौटेगी चमन में बहार।
मैंने कहा धीरज धर
न खो तू अपनी आस।
तेरी बगिया में खिलेंगे फूल
फिर बहने लगेगी चमन में सुवास।
फिर गुंजायमान होगा प्रार्थना में
बच्चों के पावन मधुर ईश स्वर।
फिर खुलेंगे विद्यालय के द्वार
जल्द आएँगे हम सभी तेरे दर पर।
हिम्मत ना हार रख आस
भर मन में साहस का प्याला।
छटेगी दुख की काली घनघोर घटाएँ
निकलेगा सुख का चमचमाता उजाला।
यह बुरा वक्त भी कट जाएगा
यही हम सब उम्मीद करते हैं।
आओ अपने हाथों को जोड़कर
ऊपर वाले से प्रार्थना करते हैं।
रचयिता
रेखा नेगी रावत,
सहायक अध्यापक,
राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय खंदूखाल,
विकास क्षेत्र-कोट,
जनपद-पौड़ी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड।
मौन विद्यालय बोल पड़ा।
छोड़ मुझे अकेला यहाँ
क्यों है मुझ पर ताला जड़ा।
बच्चों की कोलाहल से
गूँजता था मेरा कोना-कोना।
आज यहाँ कोई नहीं
कैसा पसरा है वीराना।
क्यों नहीं गूँजते ईश वंदना के सुर
क्यों है यह मैदान अनजान पड़ा।
कहाँ है मेरे आँचल के नूर
कब से तरसता मैं खड़ा खड़ा।
सामने से उजड़ी बगिया भी
लिपट-लिपट कर हो रही थी बेकरार।
पूछने लगी कब खिलेंगे फूल
कब लौटेगी चमन में बहार।
मैंने कहा धीरज धर
न खो तू अपनी आस।
तेरी बगिया में खिलेंगे फूल
फिर बहने लगेगी चमन में सुवास।
फिर गुंजायमान होगा प्रार्थना में
बच्चों के पावन मधुर ईश स्वर।
फिर खुलेंगे विद्यालय के द्वार
जल्द आएँगे हम सभी तेरे दर पर।
हिम्मत ना हार रख आस
भर मन में साहस का प्याला।
छटेगी दुख की काली घनघोर घटाएँ
निकलेगा सुख का चमचमाता उजाला।
यह बुरा वक्त भी कट जाएगा
यही हम सब उम्मीद करते हैं।
आओ अपने हाथों को जोड़कर
ऊपर वाले से प्रार्थना करते हैं।
रचयिता
रेखा नेगी रावत,
सहायक अध्यापक,
राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय खंदूखाल,
विकास क्षेत्र-कोट,
जनपद-पौड़ी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड।
अति सुंदर अभिव्यक्ति👌👌👌👌😍
ReplyDeleteVery nice dear ... Congrats...😍💐💐💐👍
ReplyDeleteअति सुन्दर
ReplyDeleteविद्यालय की स्थिति का सजीव चित्रण
सुदंर यथार्थ अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteVery very nice ma,am
ReplyDeleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteअतिसुन्दर
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