योग करें स्वस्थ रहें
मन को स्वस्थ बनाकर,
तन को सुंदर बनाता योग।
जीवन जीने की सबमें,
नई आशा जगाता योग।।
व्यायाम करना, आसन करना,
ध्यान और प्राणायाम सिखाता योग।
नित्य कर्म से निवृत होकर,
प्रतिदिन अनुशासित करता योग।।
हाथ पैर का सामंजस्य है व्यायाम,
उठ-बैठ या लेटना आसन सिखाता योग।
प्राणों का आयाम है प्राणायाम,
साक्षात ध्यान लगाना सिखाता योग।।
बूढ़ा-बच्चा या हो स्त्री-पुरुष,
सबको हितकारी है योग।
जीवन की निराशा से ऊपर,
सबको सुखी समृद्ध बनाता योग।।
हर व्याधि और असाध्य रोग से,
सबको मुक्ति दिलाता योग।
आओ कुछ वक्त खुद को दें,
मन को शान्ति दिलाता योग।।
उचित आहार, विचार उचित,
हर जन भाव जगाता योग।
श्वांस को श्वांस से जोड़कर,
देह को देवालय बनाता योग।।
युग युगांतर की धरोहर,
भारत की अमूल्य निधि है योग।
महर्षि पतंजलि की अतुल्य देन से,
विश्वधरा पर भारत को योगगुरु बनाता योग।।
रचयिता
सन्नू नेगी,
सहायक अध्यापक,
राजकीय कन्या उच्च प्राथमिक विद्यालय सिदोली,
विकास खण्ड-कर्णप्रयाग,
जनपद-चमोली,
उत्तराखण्ड।
तन को सुंदर बनाता योग।
जीवन जीने की सबमें,
नई आशा जगाता योग।।
व्यायाम करना, आसन करना,
ध्यान और प्राणायाम सिखाता योग।
नित्य कर्म से निवृत होकर,
प्रतिदिन अनुशासित करता योग।।
हाथ पैर का सामंजस्य है व्यायाम,
उठ-बैठ या लेटना आसन सिखाता योग।
प्राणों का आयाम है प्राणायाम,
साक्षात ध्यान लगाना सिखाता योग।।
बूढ़ा-बच्चा या हो स्त्री-पुरुष,
सबको हितकारी है योग।
जीवन की निराशा से ऊपर,
सबको सुखी समृद्ध बनाता योग।।
हर व्याधि और असाध्य रोग से,
सबको मुक्ति दिलाता योग।
आओ कुछ वक्त खुद को दें,
मन को शान्ति दिलाता योग।।
उचित आहार, विचार उचित,
हर जन भाव जगाता योग।
श्वांस को श्वांस से जोड़कर,
देह को देवालय बनाता योग।।
युग युगांतर की धरोहर,
भारत की अमूल्य निधि है योग।
महर्षि पतंजलि की अतुल्य देन से,
विश्वधरा पर भारत को योगगुरु बनाता योग।।
रचयिता
सन्नू नेगी,
सहायक अध्यापक,
राजकीय कन्या उच्च प्राथमिक विद्यालय सिदोली,
विकास खण्ड-कर्णप्रयाग,
जनपद-चमोली,
उत्तराखण्ड।
बेहतरीन👌👌👌👌
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना
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