योग दिवस
रखना है तन-मन स्वस्थ,
नित अपनाना है योग दिवस,
योग में हैं संयम और नियम,
संयम और नियम से होता जीवन-निर्माण,
योग दे तन-मन को आयाम,
आयाम है तो नहीं विराम।
आओ आज वादा कर लें हम,
धरती को खुशहाल जीवन दे दें हम,
जीवन भी हो जाए धन्य,
नहीं एक दिवस,
नित योगा दिवस मनाएँ हम,
जीवन को खुशहाल जिएँ हम।
नित- नित, नित-नित,
नित-नित, नित-नित,
योगा, योगा,
योगा, योगा,
कर लें हम, कर लें हम,
वादा आज, वादा आज,
बसा लें खुशियों का संसार।।
रचयिता
अर्चना गुप्ता,
प्रभारी अध्यापिका,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय सिजौरा,
विकास खण्ड-बंगरा,
जिला-झाँसी।
नित अपनाना है योग दिवस,
योग में हैं संयम और नियम,
संयम और नियम से होता जीवन-निर्माण,
योग दे तन-मन को आयाम,
आयाम है तो नहीं विराम।
आओ आज वादा कर लें हम,
धरती को खुशहाल जीवन दे दें हम,
जीवन भी हो जाए धन्य,
नहीं एक दिवस,
नित योगा दिवस मनाएँ हम,
जीवन को खुशहाल जिएँ हम।
नित- नित, नित-नित,
नित-नित, नित-नित,
योगा, योगा,
योगा, योगा,
कर लें हम, कर लें हम,
वादा आज, वादा आज,
बसा लें खुशियों का संसार।।
रचयिता
अर्चना गुप्ता,
प्रभारी अध्यापिका,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय सिजौरा,
विकास खण्ड-बंगरा,
जिला-झाँसी।
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