२५५~ डॉ0 श्रद्धा अवस्थी उच्च प्राथमिक विद्यालय सनगांव, हसवाँ, फतेहपुर

🏅अनमोल रत्न🏅

👉मेरा नाम डॉ0 श्रद्धा अवस्थी है।
मैं उच्च प्राथमिक विद्यालय सनगांव, हसवाँ, फतेहपुर में विज्ञान सहायक अध्यापिका के पद पर कार्यरत हूँ।
वर्तमान समय में मेरे पास, प्राथमिक विद्यालय सनगांव की कार्यवाहक प्रधानाध्यापिका का अतिरिक्त पद भी है।


उच्च प्राथमिक विद्यालय सनगाँव में मैंने 31/07/2009 को पदभार ग्रहण किया।

विभाग में मेरी नियुक्ति 17/09/2002 को प्राथमिक विद्यालय बिलन्दा 2 तेलियानी फतेहपुर में सहायक अध्यापिका के रूप में हुई थी।
👉 उच्च प्राथमिक विद्यालय सनगांव 2009 में ही निर्मित हुआ था और पहली नियुक्ति मेरी ही हुई थी, विद्यालय में कोई बाउंड्री, शौचालय, किचन, हैंडपंप नही था।
बाउंड्री न होने के कारण कैंपस के नीम के पेड़ पर भैंसें बाँधी जाती थीं।
आसपास 7-8 किलोमीटर तक कोई सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय न होने के कारण छात्र संख्या 62 थी जिनका नामांकन प्राथमिक विद्यालय के शिक्षामित्र ने पहले ही कर लिया था।
जो छात्र हमको मिले वे लगभग 4 वर्ष से विद्यालय से दूर थे और उम्र में बड़े थे। उनमें अनुशासन और संस्कारों का अभाव भी था, शैक्षिक स्तर शून्य, एक ज़िद और बात न मानने को अड़े थे वो किशोर। सनगाँव शहर से 20 किलोमीटर दूर और मुख्य सड़क से 3 किलोमीटर दक्षिण की ओर अंदर जाकर है। सनगाँव एक निर्धन गाँव है।
सबसे पहले मैंने स्वयं एक सफ़ाई कर्मचारी को बुलवाया जो गाँव में आसानी से मिल गयी और प्राथमिक विद्यालय का शौचालय, कैंपस, भैंस बाँधने का स्थान सब साफ़ करवाया।
मेरे तुरंत बाद ही सहायक अध्यापिका राधा रानी त्रिपाठी ने कार्यभार संभाला। हम दोनों ने 500-500 रुपये प्रतिमाह विद्यालय विकास के रूप में कोष में जमा किये जो प्रायः उसी माह में खर्च हो जाते थे, उस धनराशि से हमने छात्रों को कॉपी, पेन और अन्य सामग्री उपलब्ध करायी। यह कोष 2014 तक चला, हमने उसी कोष से लगभग 25 हिंदी व्याकरण, इंग्लिश grammer, कला इत्यादि की पुस्तकें खरीदी।
👉 जब मैंने विद्यालय में कार्यभार सँभाला, मुझे 4 कमरों तथा एक ऑफिस की सफेद इमारत प्राप्त हुई थी जिसमें अन्य कोई रंग छू भी नहीं गया था।
अब मैंने विद्यालय में तीनों भाषाओं( हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत) में सदवाक्य लिखवाये, पूरी दीवार का भारतवर्ष के मानचित्र, उसके बगल में राज्य और राजधानी के नाम, विज्ञान के मॉडल, चंद्र ग्रहण, सूर्य ग्रहण इत्यादि पेंटर से पेंट कराये। ये सभी कार्य मैंने अपने वेतन के अंश से किया है, जिसकी मुझे खुशी है।
क्यारियाँ बनवाकर पौधे रोंपे गये जिससे हरियाली हो गयी।
वृक्षारोपण, पल्स पोलियो पिलाना, महापुरुषों की जयंती मनाने के अतिरिक्त सभी सामाजिक त्यौहारों में भी विद्यालय हर्ष व उल्लास से शामिल होता है।


👉 विद्यालय विकास में मेरा सहयोग किया-
राधारानी त्रिपाठी
सहायक अध्यापिका ने
मेरा बहुत सहयोग किया। हर कार्य मे उचित सलाह देना, व कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाली सहायिका साबित हुई।

👉 छात्र संख्या 81
वार्षिक उपस्थिति 65%
विद्यालय में आते ही मुझे जनगणना करने का सुअवसर प्राप्त हुआ जो मेरे लिए वरदान साबित हुआ। मुझे पूरे गाँव के घर और घर के लोगों की जानकारी है। किसी छात्र के लगातार अनुपस्थित रहने पर मैं स्वयं पहुँच जाती हूँ, हर मोहल्ले के छात्रों की टोली भी बना रखी है, हम उन्हीं को भेजकर छात्रों को बुलवाते हैं। पास के गाँव से फ़ोन द्वारा संपर्क होता है।
👉 प्रार्थना सभा के तुरंत बाद भारतवर्ष के मानचित्र में कोई 10 छात्र क्रमानुसार हर राज्य में छड़ी रखकर उसका नाम और राजधानी बाकी छात्रों को दोहरवाता है, (हमने राज्य के अंदर उनके नाम नही लिखवाये हैं)
  •  इसके पश्चात विज्ञान के तत्वों के नामों के प्रतीक व यौगिकों, अम्लों तथा क्षारों के नाम व सूत्र छात्रों द्वारा दोहरवाये जाते हैं।
  •  प्रतिदिन हर कक्षा में उनके स्तर के अनुरूप 25 वाक्यों का हिंदी से अंग्रेजी अनुवाद कराया जाता है।
  •  हर विषय की पाठ्य पुस्तक से छोटे छोटे प्रश्नों के नोट्स हम लोगों ने बना रखे हैं, हर विषय मे लगभग 77 से 90 तक प्रश्न हैं। ये लिखाकर याद कराये जाते हैं।
  •  राखी बनाने की, रंगोली, मेंहदी तथा छोटे कलश रंगने की प्रतियोगिता भी करायी जाती है।
  •  मैं स्वयं अपने विद्यालय में मीना मंच के अंतर्गत मौसमी फलों और सब्जियों के अचार बनाती व छात्राओं को सिखाती हूँ, ये अचार मिड डे मील में परोसे जाते हैं।
  •  अंग्रेजी शब्दों की अंत्याक्षरी कक्षा 6,7 और 8 के मध्य करायी जाती है जो कई दिनों तक चलती है, विजयी छात्र या छात्रा को गणतंत्र दिवस में हिंदी अंग्रेजी शब्दकोश पुरस्कार में दिया जाता है।
  •  वार्षिक परीक्षा फल में प्रथम आये हर कक्षा के छात्र को अगली कक्षा की इंग्लिश grammer की पुस्तक दी जाती है, क्योंकि हमारे परिषद में हिंदी अथवा अंग्रेजी व्यकरण की पुस्तक नहीं है।
👉 बच्चों की उपलब्धियाँ-
1- विद्यालय के अध्यापकों द्वारा बने नोट्स हमारे लिए अनमोल निधि हैं।
2- 2014 में कक्षा-7 के छात्र रूपेश कुमार ने जिला स्तर पर विज्ञान प्रदर्शनी में प्रतिभाग किया, जिसके लिए उसे DIOS श्री नंद लाल यादव के द्वारा सांत्वना पुरस्कार प्राप्त हुआ।
3- 2014 में कक्षा 6 की छात्रा रोली देवी ने जिला स्तर की विज्ञान प्रदर्शनी में प्रतिभाग किया, उसका चयन राज्य स्तर की प्रदर्शनी के लिए भी हुआ, जहाँ उसने प्रतिभाग किया।
4- 2016 में ब्लॉक स्तर की विज्ञान प्रश्रोत्तरी प्रतियोगिता में कक्षा-8 के छात्र सन्दीप कुमार ने पूरे ब्लॉक में द्वितीय स्थान प्राप्त कर जिला समन्वयक श्री अरुण मिश्रा से पुरस्कार प्राप्त किया।
विद्यालय के नोट्स प्रश्नोत्तरी में वरदान साबित हुए।
👉 स्वयं की उपलब्धियाँ
विभाग ने मुझे 2008 में तेलियानी ब्लॉक् की श्रेष्ठ अध्यापिका के रूप में दक्षता पुरस्कार प्रदान किया।
👉 विद्यालय की उपलब्धि
आज विद्यालय उच्च प्राथमिक सनगाँव उत्कृष्ट विद्यालयों में एक है, यह मेरे लिए गर्व की बात है।

👉 मेरा सभी शिक्षकों से अनुरोध है कि वे अपना कार्य मनोयोग और ईमानदारी से पूरे आत्मविश्वास के साथ करें।
मेहनत और लगन का कोई शार्टकट नहीं है, यह किताबी बात नही सत्य है, मुझे 15 साल लगे आप तक अपनी बात पहुँचाने में। मैं ज्यादातर समय सहायक या कार्यवाहक प्रधानद्यपिका रही हूँ पर मैंने लगन और काम करना नही छोड़ा।🙏अब हम 3 लोग हैं स्टाफ में जिसमें मैं ही सबसे ज्यादा समय से कार्यरत हूँ। 3 साल के लिए पिछड़े ब्लॉक में भेजा गया था, अब तो 9 साल हो चुके हैं, मेरा प्रयास अभी जारी है।
👉 विद्यालय का नाम- उच्च प्राथमिक विद्यालय सनगाँव
ब्लॉक- हस्वा
जनपद फतेहपुर।



संकलन: बबलू सोनी
मिशन शिक्षण संवाद फतेहपुर
26-07-2018

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