रामधारी सिंह दिनकर
राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर
जन्मदिवस पर खास
साहित्य जगत का ज्ञान-पुंज
दिनकर की ज्योति निराली।
रश्मिरथी, हुंकार, आत्मजयी
रचनाएँ कर डालीं।।
परशुराम की लिखी प्रतीक्षा
कुरुक्षेत्र अमर रचनाएँ।
हाहाकार ऊर्वशी, लिखकर
सबके मन छू आये।
संस्कृति के चार अध्याय
और वाजश्रवा के बहाने।
रचनाओं में भारतीय संस्कृति के ताने-बाने।।
जन्मस्थान सिमरिया गांव
जनपद मुंगेर बिहार।
1908 का 23 सितम्बर
दिन था बुधवार।।
छायावादोत्तर कवियों की
पहली पीढ़ी के कवि।
विद्रोही कवि कहलाये
दिनकर काव्य के रवि।।
कवि, लेखन, निबन्धकार
और राष्ट्र-कवि कहलाते।
विद्रोह, आक्रोश और क्रांति
की ज्वाला प्रबल जलाते।
खण्डकाव्य निबन्ध समीक्षा
साहित्यिक आंदोलन।
आंग्ल, बांग्ला, संस्कृत, उर्दू
भाषाओं का गहन अध्ययन।
विश्व के श्रेष्ठ शत महाकाव्य
में 74वां स्थान।
कुरुक्षेत्र जैसी रचना को
मिला था यह सम्मान।।
भारतीय साहित्य अकादमी
पद्म भूषण सम्मान।
रामधारी सिंह दिनकर जी
भारत के कवि महान।।
दिनकर जी आज जयंती
मिलकर सभी मनायें।
राष्ट्र कवि का है अभिनन्दन
फिर भारत में आयें।।
रचयिता
राजकुमार शर्मा,
प्रधानाध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय चित्रवार,
विकास खण्ड-मऊ,
जनपद-चित्रकूट।
जन्मदिवस पर खास
साहित्य जगत का ज्ञान-पुंज
दिनकर की ज्योति निराली।
रश्मिरथी, हुंकार, आत्मजयी
रचनाएँ कर डालीं।।
परशुराम की लिखी प्रतीक्षा
कुरुक्षेत्र अमर रचनाएँ।
हाहाकार ऊर्वशी, लिखकर
सबके मन छू आये।
संस्कृति के चार अध्याय
और वाजश्रवा के बहाने।
रचनाओं में भारतीय संस्कृति के ताने-बाने।।
जन्मस्थान सिमरिया गांव
जनपद मुंगेर बिहार।
1908 का 23 सितम्बर
दिन था बुधवार।।
छायावादोत्तर कवियों की
पहली पीढ़ी के कवि।
विद्रोही कवि कहलाये
दिनकर काव्य के रवि।।
कवि, लेखन, निबन्धकार
और राष्ट्र-कवि कहलाते।
विद्रोह, आक्रोश और क्रांति
की ज्वाला प्रबल जलाते।
खण्डकाव्य निबन्ध समीक्षा
साहित्यिक आंदोलन।
आंग्ल, बांग्ला, संस्कृत, उर्दू
भाषाओं का गहन अध्ययन।
विश्व के श्रेष्ठ शत महाकाव्य
में 74वां स्थान।
कुरुक्षेत्र जैसी रचना को
मिला था यह सम्मान।।
भारतीय साहित्य अकादमी
पद्म भूषण सम्मान।
रामधारी सिंह दिनकर जी
भारत के कवि महान।।
दिनकर जी आज जयंती
मिलकर सभी मनायें।
राष्ट्र कवि का है अभिनन्दन
फिर भारत में आयें।।
रचयिता
राजकुमार शर्मा,
प्रधानाध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय चित्रवार,
विकास खण्ड-मऊ,
जनपद-चित्रकूट।
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