उत्तर प्रदेश-प्राकृतिक बनावट व रहन-सहन
हमारा परिवेश
कक्षा-4
पाठ- उत्तर प्रदेश-प्राकृतिक बनावट व रहन-सहन
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आओ जानें, अपने प्रदेश को
चलो पढ़ते हैं उत्तर प्रदेश को
कहीं पर ऊँचा-नीचा है मैदान
कहीं भाबर तो पठारी कोई मैदान
उत्तर में जब तुम बढ़ जाओगे
सामने हिमालय तुम पाओगे
उत्तराखण्ड से आती नदियाँ
घाघरा, सरयू व बहती यमुना
प्रदेश की जीवनदायनी गंगा
भाबर तराई में लगे वन घने
जिसमें काफी ऊँचे वृक्ष लगे
शीशम, साल, साखू यहाँ खड़े
पत्ती इनकी होती काफी चौड़ी
यहाँ बाँस, बेंत की झाड़ी लगी
हम दुधवा नेशनल पार्क चले
हाथी, बाघ व तेंदुआ से मिले
वन्य जीव मारना है अपराध
मारने पर इनको सज़ा मिले
खेती, कागज़, चीनी मिल लगी
गन्ना, गेहूँ, धान की फ़सल खड़ी
थारू, बोक्सा यहाँ की जनजाति
मुख्य भाषा यहाँ की है हिंदी
कुमाऊँनी, गढ़वाली, भोजपुरी
कहीं पंजाबी बोली सुनने को मिली
रचयिता
आकिब जावेद,
सहायक अध्यापक,
अंग्रेजी माध्यम प्राइमरी स्कूल उमरेहण्डा,
विकास खण्ड-बिसंडा,
जिला-बाँदा,
उत्तर प्रदेश।
कक्षा-4
पाठ- उत्तर प्रदेश-प्राकृतिक बनावट व रहन-सहन
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आओ जानें, अपने प्रदेश को
चलो पढ़ते हैं उत्तर प्रदेश को
कहीं पर ऊँचा-नीचा है मैदान
कहीं भाबर तो पठारी कोई मैदान
उत्तर में जब तुम बढ़ जाओगे
सामने हिमालय तुम पाओगे
उत्तराखण्ड से आती नदियाँ
घाघरा, सरयू व बहती यमुना
प्रदेश की जीवनदायनी गंगा
भाबर तराई में लगे वन घने
जिसमें काफी ऊँचे वृक्ष लगे
शीशम, साल, साखू यहाँ खड़े
पत्ती इनकी होती काफी चौड़ी
यहाँ बाँस, बेंत की झाड़ी लगी
हम दुधवा नेशनल पार्क चले
हाथी, बाघ व तेंदुआ से मिले
वन्य जीव मारना है अपराध
मारने पर इनको सज़ा मिले
खेती, कागज़, चीनी मिल लगी
गन्ना, गेहूँ, धान की फ़सल खड़ी
थारू, बोक्सा यहाँ की जनजाति
मुख्य भाषा यहाँ की है हिंदी
कुमाऊँनी, गढ़वाली, भोजपुरी
कहीं पंजाबी बोली सुनने को मिली
रचयिता
आकिब जावेद,
सहायक अध्यापक,
अंग्रेजी माध्यम प्राइमरी स्कूल उमरेहण्डा,
विकास खण्ड-बिसंडा,
जिला-बाँदा,
उत्तर प्रदेश।
सुंदर
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद सर!
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