पदार्थ के गुण
घर या बाहर जहाँ भी जाते।
भिन्न-भिन्न वस्तु हम पाते।।
कुछ कठोर कुछ तरल द्रव्य हैं,
कुछ की गैस अवस्था पाते।
सभी वस्तुएँ बनी हैं जिनसे,
वही तत्व पदार्थ कहलाते।
निश्चित हो आकार, आयतन,
ठोस पदार्थ वही कहलाते।
लोहा, लकड़ी, पत्थर, काँच,
अणुओं का संगठन जताते।
द्रव अवस्था बिन आकृति की,
धार लगाकर बहते जाते।
दूध, तेल, जल जिसमें डालो,
उसी पात्र का रूप अपनाते।
दूर-दूर अणु बिखरे रहते,
परन्तु आयतन निश्चित पाते।।
गैस अवस्था सदा अनिश्चित,
जहाँ-तहाँ अणु इतराते।
धुआँ, भाप और वायु रूप में,
पर्यावरण मे घुल-मिल जाते।।
पानी, बर्फ व भाप रूप में
द्रव तीनों अवस्थाओं मे पाते।।
रचयिता
पुष्पा पटेल,
प्रधानध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय संग्रामपुर,
विकास क्षेत्र-चित्रकूट,
जनपद-चित्रकूट।
भिन्न-भिन्न वस्तु हम पाते।।
कुछ कठोर कुछ तरल द्रव्य हैं,
कुछ की गैस अवस्था पाते।
सभी वस्तुएँ बनी हैं जिनसे,
वही तत्व पदार्थ कहलाते।
निश्चित हो आकार, आयतन,
ठोस पदार्थ वही कहलाते।
लोहा, लकड़ी, पत्थर, काँच,
अणुओं का संगठन जताते।
द्रव अवस्था बिन आकृति की,
धार लगाकर बहते जाते।
दूध, तेल, जल जिसमें डालो,
उसी पात्र का रूप अपनाते।
दूर-दूर अणु बिखरे रहते,
परन्तु आयतन निश्चित पाते।।
गैस अवस्था सदा अनिश्चित,
जहाँ-तहाँ अणु इतराते।
धुआँ, भाप और वायु रूप में,
पर्यावरण मे घुल-मिल जाते।।
पानी, बर्फ व भाप रूप में
द्रव तीनों अवस्थाओं मे पाते।।
रचयिता
पुष्पा पटेल,
प्रधानध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय संग्रामपुर,
विकास क्षेत्र-चित्रकूट,
जनपद-चित्रकूट।
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