न छीनें मुस्कान

बच्चे कभी उदास न हों
यहीं हैं बाल-मन -विज्ञान
बच्चे बच्चे ही रहें,
अच्छे -सच्चे ही रहें,
यह है हमारा सर्व शिक्षा अभियान
बच्चों से हम उनकी न छीनें मुस्कान
पहले उनको जान लें फिर दें उनको ज्ञान।
 वो पंछी की तरह भरते रहे उड़ान 
हिम्मत, कोशिश, हौंसलों के उनको दें सोपान।
भीनी खुशबू पुष्प की या सब्जी की जो गंध,
स्वपनों में आकाश, धरा, हम उसे ऐसे दें छंद।
प्रभु, प्रार्थना, संवेदनाओं के इन्हें दिखाये चित्र
जिनसे अभिभूत होकर पायें वो हर पल पवित्र
विषय और पाठों के संग्रह से भरें न उनकी मेज,
बेकारी और शोषण का हमसे वो पढ़ें न दस्तावेज।
बच्चों से हम उनकी न छीनें मुस्कान,
पहले उनको सम्मान दें फिर दें उनको ज्ञान।
खुशहाली की हरियाली से भर देगें विद्या का आँगन,
तभी सही अर्थों मे होगा, ज्ञान से संचित होगा विद्यालय प्रांगण।
अशिक्षा और अंधकार ले न आये दिनमान,
बच्चों से हम उनकी न छीनें मुस्कान।
                         
रचयिता
नीलू चोपड़ा स0अ0,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय मल्हीपुर,
जनपद-सहारनपुर।

Comments

Total Pageviews