नकारात्मक से सकारात्मक की ओर

चाहें कितने छोटे हों पर,
बनेंगे जिम्मेदार हम।
चाहें कितने तूफ़ां आएँ
डरेंगे न एक बार हम।।
चाहें कितने छोटे हों पर, बनेंगे जिम्मेदार हम।

मिलकर हाथ से हाथ मिलाकर,
एकता को बढ़ाएँगे।
भेदभाव की जंजीरें तोड़कर,
आगे अब बढ़ते जाएँगे।
दयाभाव रखेंगे दिल में,
बनेंगे समझदार हम।
चाहें कितने......................

बुराइयों से दूर रहेंगे,
धरती को स्वर्ग बनाएँगे।
नहीं लड़ेंगे आपस में हम
भाईचारा अपनाएँगे।
नित्य नव ज्ञान से करेंगे,
शिक्षा का विस्तार हम।
चाहें कितने..............

सत्कर्मों को अपनाकर,
जीवन को महकायेंगे,
काम करेंगे हम ऐसे कि,
जग में नाम चमकाएँगे,
मात-पिता और गुरुजनों का,
करेंगे नित सत्कार हम।
चाहें कितने..........

रचयिता
नमिता,
प्रभारी अध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय फत्तेपुर मोहारी,
विकास खण्ड-मछरेहटा,
जिला-सीतापुर।

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