बेटी

बेटा गर वारिस होता  है
तो पारस होती है बेटी
बेटा अगर दवा जीवन की
तो फिर एक दुआ है बेटी
बेटा अगर खुशबू जीवन की
तो फिर पूरा बाग है बेटी
बेटा गर ताकत तन की
तो मन की शक्ति है बेटी
बेटा गर शान कुलों की
ईश्वर का वरदान है बेटी
दो कुलों का मान है बेटी
बेटा है गर कुल का दीपक
तो कुल का सम्मान है बेटी
संस्कृति की पहचान है बेटी
हर घर की शान है बेटी!!

रचयिता
लता शर्मा,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय इलायचीपुर,
विकास खण्ड-लोनी,
जनपद-गाज़ियाबाद।

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