हिन्दी

भारत माता के माथे की बिंदी है
ये बिंदी यदि मिट जाएगी
भारत माँ छवि धूमिल हो जाएगी

कुछ लोगों ने ये कोशिश कर डाली
बिंदी(हिन्दी) तो आधी मिटा डाली

अंग्रेजी फैशन के चक्कर में
हिंदी शब्दों को अशुद्ध किया
टीचरों, ड्राइवरों जैसे शब्दों ने
हिंदी का ही तो ह्रास किया

प्रण लेकर तुम हर कार्य करो अब
हिंदी में
लिखो, पढ़ो और बोलो प्यारी भाषा
हिंदी में

हम भी समझें  तुम भी समझो
हिंदी की गौरव गाथा को
सम्मान दिलाकर फर्ज निभाओ
अपनाकर फिर से हिंदी को

रचयिता
देवेश कुमार खरे,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय कैमाहा,
विकास खण्ड-कबरई,
जिला-महोबा।

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