माँ

माँ से मिली ज़िंदगी की पाठशाला में,
माँ ने ही प्रथम सबक सिखाया है ...
इसलिये माँ ने गुरू से भी ऊँचा स्थान पाया है ...
माँ के आँचल में ममता का सागर  लहराया  है ...
गर्मी, सर्दी  और  वर्षा में माँ का ही आँचल  सर पर आया है ...
माँ हमको हर पल हर क्षण सिर्फ देती है ...
और नहीं कुछ हमसे लेती है ...
अनुभव बहुत है माँ के पास ,
असीम   ज्ञान  माँ में ही समाया है ....
       
रचयिता
वन्दना गुप्ता,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय विशेषरपुर,
विकास क्षेत्र-भदपुरा,
जनपद-बरेली।

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