हिन्दी हिन्द का मान है

हिन्दी हिन्द का मान है,
हिन्दोस्ताँ की पहचान है।
हमें गर्व हैं हिन्दी पर,
हिन्दी हमारी शान है।।

धीरे-धीरे अपने घर में ही,
घट रहा हिन्दी का मान है।
क्यूँ शर्मिन्दा होते हैं वो,
हिन्दी जिनकी पहचान है।।

अपने ही देश में हिन्दी का,
जब न होगा सम्मान कोई।
तो विश्व में अपनी हिन्दी को,
कैसे देगा फिर मान कोई।।

एक बड़ा वर्ग अब भी देखो,
हिन्दी की खिलाफत करता है।
जिसने परतन्त्र बनाया था,
उसकी ही वकालत करता है।।

क्यूँ हम मान नहीं सकते,
हम सबकी भाषा हो हिन्दी।
क्यूँ नही एक मत हो जाते,
अपनी राष्ट्रभाषा हो हिन्दी।।

जब तक हिन्दी को हम उसका
उचित सम्मान नही देंगे।
हिन्दी दिवस मनाने के
औचित्यपूर्ण नही होगें।।

गर वास्तव में हम सबको,
हिन्दी दिवस मनाना है,
इस राष्ट्र की भाषा हो हिन्दी,
बस यही अभियान चलाना है।।

रचयिता
संगीता त्रिवेदी,
प्रधानध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय धन्तिया, 
विकास क्षेत्र-फतेहगंज पश्चिमी,
जनपद-बरेली।



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