ज़िन्दगी
ज़िन्दगी कोशिश भी है,
ज़िन्दगी ख़्वाहिश भी है।
ज़िन्दगी असफल कहीं तो,
ज़िन्दगी उपलब्धि भी है।
ज़िन्दगी जड़वत कहीं तो,
ज़िन्दगी जीवंत भी है।
ज़िन्दगी कभी वेदना सी,
ज़िन्दगी कभी प्रेम भी है।
ज़िन्दगी कभी शान्त झरना,
ज़िन्दगी तूफान भी है।
ज़िन्दगी निष्ठुर कभी तो,
ज़िन्दगी नर्म कोपल जैसी है।
ज़िन्दगी नीरस कभी तो,
ज़िन्दगी रसधार भी है।
ज़िन्दगी को जी सको तो,
स्वर्ग से सुंदर भी है।
रचयिता
डॉ0 रंजना वर्मा,
प्राथमिक विद्यालय बैलो,
विकास खण्ड-भटहट,
जनपद-गोरखपुर।
ज़िन्दगी ख़्वाहिश भी है।
ज़िन्दगी असफल कहीं तो,
ज़िन्दगी उपलब्धि भी है।
ज़िन्दगी जड़वत कहीं तो,
ज़िन्दगी जीवंत भी है।
ज़िन्दगी कभी वेदना सी,
ज़िन्दगी कभी प्रेम भी है।
ज़िन्दगी कभी शान्त झरना,
ज़िन्दगी तूफान भी है।
ज़िन्दगी निष्ठुर कभी तो,
ज़िन्दगी नर्म कोपल जैसी है।
ज़िन्दगी नीरस कभी तो,
ज़िन्दगी रसधार भी है।
ज़िन्दगी को जी सको तो,
स्वर्ग से सुंदर भी है।
रचयिता
डॉ0 रंजना वर्मा,
प्राथमिक विद्यालय बैलो,
विकास खण्ड-भटहट,
जनपद-गोरखपुर।
Comments
Post a Comment