मिशन शिक्षण संवाद-एक परिचय

एक बात हम यहाँ मिशन शिक्षण संवाद के सम्बन्ध में स्पष्ट करना चाहते हैं क्योंकि हमने देखा है कि हमारे बहुत से सक्रिय साथी भी यह भूल जाते हैं कि मिशन शिक्षण संवाद क्या है? और इसका क्या कार्य क्षेत्र है?

मिशन शिक्षण संवाद क्या है?


मिशन शिक्षण संवाद आपसी सीखने-सिखाने के लिए बिना किसी भेद-भाव, पद- प्रतिष्ठा, पुरस्कार और लोभ-लालच के स्वैच्छिक स्वयंसेवी समूह है जहाँ हम सब शिक्षा के उत्थान और शिक्षक के सम्मान के लिए आपस में हाथ से हाथ मिला कर काम करते हैं।

मिशन शिक्षण संवाद के कार्यक्षेत्र क्या हैं?

मिशन शिक्षण संवाद शिक्षा का उत्थान और शिक्षक के सम्मान पर काम करता है। इसलिए इन्हें मजबूत करने के लिए निम्न कार्यक्षेत्रों में स्वैच्छिक स्वयंसेवी सहयोगियों  के साथ काम करता है।

👉1- शिक्षा के उत्थान का मुख्य आधार होता है शिक्षण। इसलिए हम सब का सबसे पहला काम है अपने और अपने साथियों के विद्यालय के शिक्षण को प्रेम और प्रोत्साहन की शक्ति से आपसी सीखने-सिखाने के साथ मजबूत करना और एक-दूसरे का विभिन्न शिक्षण गतिविधियों के आदान-प्रदान अथवा जानकारी देकर  सहयोग करना।

👉2- दूसरा काम होता है  अपने द्वारा किये गये कार्यों को समाज, सरकार, शासन और मीडिया तक पहुँचाना। क्योंकि बुराई अपनी शक्ति से स्वयं प्रचारित होती है और अच्छाई के प्रचार- प्रसार में अच्छे लोगों को ही आगे आना होता है। इससे हम सब भी अपने शिक्षा के उत्थान के संकल्प को जन- जन तक मजबूत विश्वास के साथ पहुँचा सकते हैं तथा आपसी सहयोग के विश्वास को मजबूत बना सकते हैं। क्योंकि शिक्षक और समाज एक दूसरे के पूरक हैं बिना इसके आपसी सहयोग और विश्वास के शिक्षा का उत्थान चुनौतीपूर्ण है।

👉3- तीसरी बात आती है शिक्षक के सम्मान की। अभी तक का इतिहास गवाह है कि सत्य की रक्षा के लिए ही संगठित सहयोग की आवश्यकता होती है। आज भी अगर कहीं उंगलियाँ उठाई जाती है अथवा शोषण होता है तो उसी का जो मेहनत और ईमानदारी से अपना काम कर रहा है अथवा करना चाहते है। साथ ही एकाकी होते जीवन की अनेकों समस्याएं हम सब को प्रभावित करती हैं। इन सब से अन्ततः शिक्षक का शिक्षण ही प्रभावित होता है। इन समस्याओं को न्यूनतम और कम से कम करने के लिए जनपद और ब्लॉक स्तर पर मिशन शिक्षण संवाद परिवारों को बिना किसी राजनैतिक और संगठनात्मक व्यवस्था के, प्रेम और प्रोत्साहन की शक्ति से स्वैच्छिक स्वयंसेवी रूप में संगठित करना। जो एक दूसरे के सुख-दुख  में निस्वार्थ भाव से सहयोगी बन सकें।

मिशन शिक्षण संवाद का सहयोगी कौन बन सकता है?

मिशन शिक्षण संवाद का सहयोग वह प्रत्येक व्यक्ति बन सकता है जो शिक्षा का उत्थान और शिक्षक के सम्मान के सम्मान में स्वैच्छिक स्वयंसेवी रूप से सहयोग करना चाहता है।

क्या मिशन शिक्षण संवाद कोई राजनैतिक संगठन है? अथवा वह अपने किसी व्यक्तिगत छिपे हुए स्वार्थ पर काम कर रहा है?

मिशन शिक्षण संवाद केवल शिक्षा के उत्थान और शिक्षक के सम्मान के लिए आपसी सहयोग से काम करता है। जो स्वयं में कोई राजनैतिक संगठन नहीं। लेकिन विभिन्न राजनैतिक संगठन के ऐसे शिक्षक साथी मिशन शिक्षण संवाद परिवार के सहयोगी है। जो शिक्षक के अधिकारों के साथ शिक्षण को भी महत्वपूर्ण मानते है तथा अपने विद्यालय पर अच्छा काम कर रहे हैं।

मिशन शिक्षण संवाद का यदि कोई व्यक्तिगत छिपा स्वार्थ होता तो इसकी पहचान किसी व्यक्ति के नाम से होती। आज आप स्वयं देख सकते है अनुभव कर सकते हैं कि इससे जुड़ा हर शिक्षक स्वयं में मिशन शिक्षण संवाद है। वह कहीं भी अपना परिचय मिशन शिक्षण संवाद के रूप में कराता है तो उसे वही सम्मान और पहचान मिलती है जो मिशन के किसी अन्य सहयोगी को मिलती है।  इसलिए मिशन शिक्षण संवाद कभी भी किसी भी व्यक्ति की बात न करके बेसिक शिक्षा की बात करता है। जहाँ हम सबका सम्मान और पहचान मात्र मिशन शिक्षण संवाद है न कि कोई पद नाम और उसका प्रभाव।

इसीलिए मिशन शिक्षण संवाद में पद नहीं मिलते हैं बल्कि स्वैच्छिक रूप से ली गयी जिम्मेदारी होती है। जिसे कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से ले सकता है जिसमें  न को बंधन होता है और न ही किसी तरह का दबाब और न ही कोई लालच। हाँ  आप यदि कोई काम मिशन शिक्षण संवाद के रूप में कर रहे हैं  तो आपसी सामंजस्य के लिए उसकी जानकारी मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर-9458278429 पर अथवा मेल shikshansamvad@gmail.com पर जरूर दे दें। जिससे एक ही क्षेत्र और एक ही काम पर दो सहयोगियों की अनावश्यक ऊर्जा व्यय न होकर एक और एक ग्यारह की शक्ति से अपने काम को आगे बढ़ा सकें।

मिशन शिक्षण संवाद को पढ़ने और समझने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद!

लेखक
विमल कुमार,
कानपुर देहात

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