वतन को नमन

धरा को नमन है, गगन को नमन।
चमन को नमन है, वतन को नमन।।

तुम्हारी ही देन है, उमंग और जोश।
नमन तुझको बिस्मिल, सुभाषचंद्र बोस।।

हैं आँखें ये नम, कर में पूजा की थाल।
नमन तुझको बापू, चाचा जवाहर लाल।।

मनाता हूँ जश्न, कर शहीदों को याद ।
नमन हे भगत सिंह, हे चन्द्रशेखर आजाद।।

आजादी की खातिर, लड़ी जो लड़ाई।
नमन तुझको सावित्री, माँ लक्ष्मीबाई।।

जुल्मों सितम में भी, हार न माना।
नमन मंगल पांडेय, तात्या, साहब नाना।।

न भूलो उन्हें, जो हुए हैं शहीद।
नमन खुदीराम, वीर अब्दुल हमीद।।

दिखाये सदा अपनी, फौलादी मेल ।
नमन अशफाक, बल्लभ भाई पटेल ।।

मौलिक अधिकारों, का हो जिकर।
नमन राजगुरु, साहेब अम्बेडकर।।

वतन के लिए जिसने, दे दी जान ।
कृतज्ञ राष्ट्र को, उन पर है अभिमान ।।

हो सद्कर्म, सदवृत्ति, राष्ट्रहित में लगन ।
बने हम अक्षुण्य, कर द्वेष- ईर्ष्या दमन ।।

 गगन में तिरंगा, देखो फहराता रहेगा।
यह विश्व विजय गाथा, गाता रहेगा।।

यह झंडा तिरंगा, है जान से प्यारा ।
 गूंगूँजेजे धरती अम्बर में, नारा हमारा ।।

दिया है दिल, जान भी दे देंगे ।
 हम कुर्बानियों से, न पीछे  हटेंगे  ।।

सरहद के जवानों सलाम, जिंदाबाद ।
बदौलत जिसके खुश, रहते हैं आबाद ।।

जन - मन, कण - कण में, भारत माता  ।
मिलकर उतारूँ, आरती तेरी माता  ।।

शहीदों की खातिर, वतन के लिए ।
है अर्पित "अरुण" मन श्रद्धा सुमन ।।

धरा को नमन है , गगन को नमन ।
चमन को नमन है, वतन को नमन ।।

रचनाकार----
अरुण कुमार यादव,
उच्च प्राथमिक विद्यालय बरसठी,,
विकास क्षेत्र-बरसठी,
जनपद-जौनपुर।
Mob--9598444853

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