प्राथमिक शिक्षा
प्राथमिक शिक्षा बदल रही है
नये रूप में निखर रही है...
राष्ट्र निर्माण की प्रस्थान बिंदु है
यही बालकों के सर्वांगीण विकास की नींव है।
बचपन का एक मजबूत आधार है, शिला है।
राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य की ओर कदम-कदम पर बढ़ा रही है...
सच में प्राथमिक शिक्षा बदल रही है
नये रूप में अब निखर रही है...
कोई बच्चा न रहे वंचित शिक्षा से जन-धन से हर जतन करा रही है..
प्राथमिक शिक्षा बदल रही है
नये रूप में निखर रही है...
शासन के पहरेदारों सहित परिषद के जिम्मेदारों तक सब अपना कर्त्तव्य निभा रहे।
संसाधन का अब न रहा अभाव
प्राथमिक शिक्षा बदल रही है
नये रूप में निखर रही है...
नित नवीन नवाचार से
शहर और गाँव-गिराँव में
बचपन से ही आत्मनिर्भर रहने का ख्वाब दिखा रही है।
प्राथमिक शिक्षा बदल रही है
नये रूप में निखर रही है..
गुरुजनों के प्रयास से नौनिहालों में स्वच्छता का संस्कार रग-रग में समाकर।
राष्ट्र निर्माण के प्रति जगा रही है
प्राथमिक शिक्षा बदल रही है
नये रूप में निखर रही है...
किसी हाल में कोई बच्चा न छूटे
नित प्रयोग हर प्रयास मिल-जुलकर गुरुजन सहित शिक्षा के सब पैरोकार चिंतन मनन सदा कर रहे हैं।
प्राथमिक शिक्षा बदल रही है
नये रूप में निखर रही है...
निःशुल्क बैग, पुस्तक निःशुल्क
जूता-मोजा, मध्याह्न भोजन निःशुल्क
निःशुल्क शिक्षा, स्वेटर निःशुल्क
धीरे-धीरे कदमों से पग बढ़ा रही है।
प्राथमिक शिक्षा बदल रही है
नये रूप में निखर रही है...
कान्वेंट स्कूल्स को देने अब मात खुल चुके अब
अंग्रेजी माध्यम स्कूल भी।
गुणवत्तायुक्त शिक्षा का प्रण लिए
हर गाँव-गाँव हर द्वार-द्वार पहुँच रही है..
प्राथमिक शिक्षा बदल रही है
नये रूप में निखर रही है...
बाल उन्मुख परिकल्पना लिये
चहुँओर शैक्षिक वातावरण का हो रहा निर्माण।
बाल संसद के गठन से स्मार्ट क्लास तक सपना हो रहा साकार।
खेल-खेल में शिक्षा भी बच्चों का मन लुभा रही।
प्राथमिक शिक्षा बदल रही है
नये रूप में निखर रही है..
समाज का अंतिम बच्चा भी हो शिक्षित
हर घर में फैले शिक्षा का प्रकाश
शासन की मंशा के अनुरूप
यह हर बच्चे तक पहुँच रही है
प्राथमिक शिक्षा बदल रही है
नये रूप में निखर रही है...।
नये रूप में निखर रही है...
राष्ट्र निर्माण की प्रस्थान बिंदु है
यही बालकों के सर्वांगीण विकास की नींव है।
बचपन का एक मजबूत आधार है, शिला है।
राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य की ओर कदम-कदम पर बढ़ा रही है...
सच में प्राथमिक शिक्षा बदल रही है
नये रूप में अब निखर रही है...
कोई बच्चा न रहे वंचित शिक्षा से जन-धन से हर जतन करा रही है..
प्राथमिक शिक्षा बदल रही है
नये रूप में निखर रही है...
शासन के पहरेदारों सहित परिषद के जिम्मेदारों तक सब अपना कर्त्तव्य निभा रहे।
संसाधन का अब न रहा अभाव
प्राथमिक शिक्षा बदल रही है
नये रूप में निखर रही है...
नित नवीन नवाचार से
शहर और गाँव-गिराँव में
बचपन से ही आत्मनिर्भर रहने का ख्वाब दिखा रही है।
प्राथमिक शिक्षा बदल रही है
नये रूप में निखर रही है..
गुरुजनों के प्रयास से नौनिहालों में स्वच्छता का संस्कार रग-रग में समाकर।
राष्ट्र निर्माण के प्रति जगा रही है
प्राथमिक शिक्षा बदल रही है
नये रूप में निखर रही है...
किसी हाल में कोई बच्चा न छूटे
नित प्रयोग हर प्रयास मिल-जुलकर गुरुजन सहित शिक्षा के सब पैरोकार चिंतन मनन सदा कर रहे हैं।
प्राथमिक शिक्षा बदल रही है
नये रूप में निखर रही है...
निःशुल्क बैग, पुस्तक निःशुल्क
जूता-मोजा, मध्याह्न भोजन निःशुल्क
निःशुल्क शिक्षा, स्वेटर निःशुल्क
धीरे-धीरे कदमों से पग बढ़ा रही है।
प्राथमिक शिक्षा बदल रही है
नये रूप में निखर रही है...
कान्वेंट स्कूल्स को देने अब मात खुल चुके अब
अंग्रेजी माध्यम स्कूल भी।
गुणवत्तायुक्त शिक्षा का प्रण लिए
हर गाँव-गाँव हर द्वार-द्वार पहुँच रही है..
प्राथमिक शिक्षा बदल रही है
नये रूप में निखर रही है...
बाल उन्मुख परिकल्पना लिये
चहुँओर शैक्षिक वातावरण का हो रहा निर्माण।
बाल संसद के गठन से स्मार्ट क्लास तक सपना हो रहा साकार।
खेल-खेल में शिक्षा भी बच्चों का मन लुभा रही।
प्राथमिक शिक्षा बदल रही है
नये रूप में निखर रही है..
समाज का अंतिम बच्चा भी हो शिक्षित
हर घर में फैले शिक्षा का प्रकाश
शासन की मंशा के अनुरूप
यह हर बच्चे तक पहुँच रही है
प्राथमिक शिक्षा बदल रही है
नये रूप में निखर रही है...।
रचयिता
रवीन्द्र नाथ यादव,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय कोडार उर्फ़ बघोर नवीन,
विकास क्षेत्र-गोला,
विकास क्षेत्र-गोला,
जनपद-गोरखपुर।
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