हिंदी है महान
हिंदी है महान,
हम सबकी शान।
हम हैं वो,
हिंदी जिनकी जान।
आओ कराऊँ कुछ पहचान,
जाने इसका कुछ इतिहास।
दो सौ साल गुलामी बाद,
शुभ दिन ये आया था।
14 सितम्बर 1949 को,
संविधान निर्माताओं ने अपनाया था।
देवनागरी में लिखी गयी,
हिंदी भाषा को अपनाया था।
भारत गणराज्य बना,
देश को गर्व कराया था।
संस्कृति का महत्व समझा,
हिंदी दिवस मनाया था।
फिर 14 सितम्बर आया है,
पूरा देश हर्षाया है।
उत्साह के साथ मनाते,
सभी एकजुट हो जाते।
सभी स्कूल कॉलेज में,
वाद विवाद, कविता में।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में,
पहचान बनाती हिंदी है।
संस्कृति का महत्व समझाती है,
देशभक्ति की भावना जगाती है।
भारत मे सबसे ज्यादा,
बोली जाने वाली भाषा है।
व्यापक भाषा कहलाती है,
सबका आदर पाती है।
सब रंगों को अपनाती है,
मातृभाषा कहलाती है।
हमारा आचरण और संस्कृति ,
एक डोर में बाँधे है।
भोली-भाली अपनी भाषा,
सबको प्यार सिखाती है।
स्वर, व्यंजन अमर पहचान,
हिंदी भाषा हमारी पहचान।
पूर्व, पश्चिम औऱ उत्तर, दक्षिण,
सभी ओर इसकी शान।
मातृभाषा बहुत न्यारी है,
पूर्वजो की धरोहर है।
भारत की आन, मान, शान है,
हम सबकी पहचान है।
मातृभाषा से प्यार करो,
आदर और सत्कार करो।
गर्व से कहो हम हिंदी है,
जो सभी दिलो में बँधी है।
रचयिता
रीना सैनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गिदहा,
विकास खण्ड-सदर,
जनपद -महाराजगंज।
हम सबकी शान।
हम हैं वो,
हिंदी जिनकी जान।
आओ कराऊँ कुछ पहचान,
जाने इसका कुछ इतिहास।
दो सौ साल गुलामी बाद,
शुभ दिन ये आया था।
14 सितम्बर 1949 को,
संविधान निर्माताओं ने अपनाया था।
देवनागरी में लिखी गयी,
हिंदी भाषा को अपनाया था।
भारत गणराज्य बना,
देश को गर्व कराया था।
संस्कृति का महत्व समझा,
हिंदी दिवस मनाया था।
फिर 14 सितम्बर आया है,
पूरा देश हर्षाया है।
उत्साह के साथ मनाते,
सभी एकजुट हो जाते।
सभी स्कूल कॉलेज में,
वाद विवाद, कविता में।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में,
पहचान बनाती हिंदी है।
संस्कृति का महत्व समझाती है,
देशभक्ति की भावना जगाती है।
भारत मे सबसे ज्यादा,
बोली जाने वाली भाषा है।
व्यापक भाषा कहलाती है,
सबका आदर पाती है।
सब रंगों को अपनाती है,
मातृभाषा कहलाती है।
हमारा आचरण और संस्कृति ,
एक डोर में बाँधे है।
भोली-भाली अपनी भाषा,
सबको प्यार सिखाती है।
स्वर, व्यंजन अमर पहचान,
हिंदी भाषा हमारी पहचान।
पूर्व, पश्चिम औऱ उत्तर, दक्षिण,
सभी ओर इसकी शान।
मातृभाषा बहुत न्यारी है,
पूर्वजो की धरोहर है।
भारत की आन, मान, शान है,
हम सबकी पहचान है।
मातृभाषा से प्यार करो,
आदर और सत्कार करो।
गर्व से कहो हम हिंदी है,
जो सभी दिलो में बँधी है।
रचयिता
रीना सैनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गिदहा,
विकास खण्ड-सदर,
जनपद -महाराजगंज।
Fabulous
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