संकल्प
पढ़ो खूब तुम, बढ़ो खूब,
संकल्प ये हमने ठाना है।
सिंचित कर खून पसीने से,
काया पाषाण बनाना है।।
आशीर्वचन दिया तुमको,
तुम जीवन में अविराम बढ़ो।
राष्ट्र प्रेम से ओतप्रोत,
इक नई सुबह, नई शाम गढ़ो।।
निर्विरोध, निष्कपट रहो तुम,
मत अंदर अभिमान भरो।
राष्ट्रधर्म के वशीभूत हो,
तुम सब का सम्मान करो।।
द्वेष, क्रोध, मद, दुर्विकार वश,
गर्व कभी भी मत करना।
नैतिकता व प्रेम के सम्मुख
हरदम नतमस्तक रहना।।
देश के गौरव हो तुम बच्चों,
धरा तुम्हारी जननी है।
शपथ करो कि बलि देकर भी,
सब की पीड़ा हरनी है॥
आदर्शों से प्रेरित हो ,
कोई श्याम बने, कोई राम बने।
कोई बने जवाहर, भगत सिंह
कोई गांधी और कलाम बने।
रचयिता
अनुपम पांडे,
सहायक अध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय रजही शिविर,
विकास क्षेत्र-चरगाँवा,
जिला-गोरखपुर।
संकल्प ये हमने ठाना है।
सिंचित कर खून पसीने से,
काया पाषाण बनाना है।।
आशीर्वचन दिया तुमको,
तुम जीवन में अविराम बढ़ो।
राष्ट्र प्रेम से ओतप्रोत,
इक नई सुबह, नई शाम गढ़ो।।
निर्विरोध, निष्कपट रहो तुम,
मत अंदर अभिमान भरो।
राष्ट्रधर्म के वशीभूत हो,
तुम सब का सम्मान करो।।
द्वेष, क्रोध, मद, दुर्विकार वश,
गर्व कभी भी मत करना।
नैतिकता व प्रेम के सम्मुख
हरदम नतमस्तक रहना।।
देश के गौरव हो तुम बच्चों,
धरा तुम्हारी जननी है।
शपथ करो कि बलि देकर भी,
सब की पीड़ा हरनी है॥
आदर्शों से प्रेरित हो ,
कोई श्याम बने, कोई राम बने।
कोई बने जवाहर, भगत सिंह
कोई गांधी और कलाम बने।
रचयिता
अनुपम पांडे,
सहायक अध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय रजही शिविर,
विकास क्षेत्र-चरगाँवा,
जिला-गोरखपुर।
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