मैं भारत देश की नारी हूँ

मैं आँख में अटका आँसू हूँ
मैं कल कल बहती नदिया हूँ
बाबा के उपवन की खुशबू
मैं तो आँगन की चिड़िया हूँ।
मैं बेटी,भगिनी,पत्नी हूँ
मैं जन्मदात्री जननी हूँ,
मैं प्रेमपूर्ण, वात्सल्यमयी
मैं वसुधा रत्न-प्रसविनी हूँ,
मैं प्रेम हूँ राधारानी का
मैं तो मीरा की भक्ति हूँ,
साकार रूप मैं ऊर्जा का
मैं सबल स्वयं में शक्ति हूँ!!
साकार रूप नारायणि का
मैं भारत देश की नारी हूँ।।

रचयिता
डॉ0 श्वेता सिंह गौर
सहायक शिक्षिका 
कन्या जूनियर हाई स्कूल बावन,
हरदोई।

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