दिल से दिल को मिलाया जाए

आइए दिल से दिल को मिलाया जाए
शिक्षा की इक नई ज्योति जलाया जाए
रौशनी यूँ भी तो हो सकती है रफ़्ता रफ़्ता
कुछ नवाचार सीखा जाये और सिखाया जाए
ये अमल काम हो सकता है इक दिन "आनन्द "
अपने स्कूल को सजाया जाये और संवारा जाए ।
खिलेंगे हर एक स्कूल मे खुशियों के फूल 🌹
अपने बच्चों को कुछ नया सिखाया जाए

रचयिता  
गया प्रसाद आनन्द,
(आनन्द गोण्डवी ),
स०अ०( चित्रकार व कवि ),
बुद्ध उ०मा०वि० करनीपुर वजीरगंज,
जनपद -गोण्डा।
स्वर दूत -9910960170
              9838744002

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