मैं कौन हूँ

मैं कौन हूँ सखे?
क्या मैं वही तो नहीं जो,
था बड़ा छोटा और नटखट?
माँ को हमेशा परेशान किया
करता था, अपनी शरारतों से।
जाकर नहाता नहर तालाबों में,
सुधार न कर पाता आदतों में।
क्या मैं वही जो?
बाग बागीचों में घूमा करता,
पक्षियों के कलरव सुना करता।
पेड़ की डालियों पर घंटों बैठता,
कभी मीठे फल तोड़कर खाता,
समय को बाँध लेता था बातों में।
संगी साथियों के संग में खेलता,
रोज टहलता खेत खलिहानों में।
दिन भर घूमता फिरता रहता,
छोटा था,छोटे नौनिहालों में।।
अब आत्मा वही पर शरीर में,
ढेर सारा बदलाव आ गया।
बच्चे से जवान,अब बूढ़ा मैं,
शक्ति का अभाव आ गया।।
मैं कौन हूँ? सिर्फ एक आत्मा,
या फिर वह स्थूल नश्वर शरीर?

रचयिता
रवीन्द्र शर्मा,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बसवार,
विकास क्षेत्र-परतावल,
जनपद-महराजगंज,उ०प्र०।

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