उमंग - उत्साह

अच्छे सृजन पर
कहते वाह -वाह ।
यह  बढ़ाता  है
उमंग  - उत्साह ।।

चेहरा खिल जाता
पाकर वाह - वाह ।
लिखने का बढ़ता
जुनून, बढ़ती चाह ।।

शब्द आते दिमाग
में वेग होता अथाह ।
मंजिल को पा जाते
पाकर  वाह  - वाह ।।

रचयिता
गोपाल कौशल
नागदा जिला धार मध्यप्रदेश
99814-67300
रोज एक - नई कविता 
Email ID : gopalkaushal917@gmail.com
©स्वरचित ®

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