२०६- आत्म प्रकाश प्राथमिक विद्यालय बदलपुर, रेहरा बाजार, बलरामपुर
💎🏅अनमोल रत्न🏅💎
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद-बलरामपुर से बेसिक शिक्षा के स्वप्रेरित अनमोल रत्न शिक्षक साथी भाई ओम प्रकाश जी से करा रहे हैं। जिन्होंने सकारात्मक सोच से एक शिक्षक के स्वाभिमान की रक्षा करने की चुनौती बहुत ही प्रेरक संदेश के साथ स्वीकार की है। कि:-
"जो व्यक्ति किसी के बच्चों का भविष्य खराब करता है, उसके बच्चों का भविष्य स्वयं ही खराब हो जाता है"
आइये देखते हैं आपकी स्वप्रेरित शक्ति के साथ किए गये प्रेरक प्रयासों को:-
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2044694865808100&id=1598220847122173
मेरी प्रथम नियुक्ति गृह जनपद बलरामपुर के शिवपुरा ब्लॉक में 12/07/2011 को प्राथमिक विद्यालय मझगवाँ में सहायक अध्यापक के पद पर हुई। विद्यालय में नामांकन संख्या 125 थी। शैक्षिक स्तर एवं बच्चों की उपस्थिति बहुत कम थी। मेरे कठिन परिश्रम व लगन से शैक्षिक गुणवत्ता व छात्र उपस्थिति में सुधार हुआ। इसी बीच मैं ट्रांसफर करवाकर अपने गृह ब्लॉक रेहरा बाजार में नए संचालित विद्यालय प्राथमिक विद्यालय बदलपुर में 06/08/2012 को आ गया। अभी विद्यालय भवन निर्माण का कार्य अधूरा था जिसमें फर्श खिड़कियां और दरवाजे सभी लगवाने बाकी थे। अगस्त माह में विद्यालय का प्रथम सत्र 2012-13 में चलने के कारण मुझे सिर्फ कक्षा 01 से कक्षा 03 तक 41 बच्चे ही नामांकन के लिये मिले। कारण जानने पर पता चला कि यहाँ आस- पास गांव के सभी बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने जाते हैं। बस यही से "मैने ठान लिया कि प्राथमिक विद्यालय बदलपुर में प्राइवेट स्कूलों से भी ज्यादा शैक्षिक गुणवत्ता व शैक्षिक वातावरण का माहौल पैदा करूंगा कि प्राइवेट स्कूलो में पढ़वाने वाले अभिभावक अपने बच्चों का नाम कटवाकर मेरे विद्यालय(प्राथमिक विद्यालय बदलपुर) में करवाएं।"
विद्यालय में कठिन परिश्रम एवं लगन के परिणाम स्वरूप सत्र दर सत्र विद्यालय में छात्रों का नामांकन बढ़ना शुरू हो गया।
वर्ष 2013-14 में बाउंड्रीवाल व 2015-16 में दो अतिरिक्त कक्षा-कक्ष मेरे द्वारा बनवाया गया। 2014 में मेरा प्रमोशन इसी विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर हो गया। जुलाई 2014 में मुझे तीन सहायक अध्यापक श्रीमती धूपा वर्मा, श्रीमती कुमकुम तिवारी ,मोहम्मद सोहेल(समायोजित शिक्षामित्र) मिले। वर्ष 2015 में श्रीमती अमितापाल सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्त हुई। प्रति कक्षा एक अध्यापक मिल जाने के कारण मेरे सपने साकार होने लगे।
सत्र दर सत्र छात्र नामांकन की स्थिति इस प्रकार है-
सत्र ---------छात्र संख्या
2012-13 ------- 041
2013-14 ------- 082
2014-15 ------- 144
2015-16 ------- 202
2016-17 ------- 269
2017-18 ------- 273
वर्ष 2017-18 में चार कमरे, एक बरामदा व छात्र संख्या 273 होने के कारण बच्चों को विद्यालय में बैठने की असुविधा होने के कारण मुझे विद्यालय के गेट पे No Addmission का बोर्ड लगना पड़ा। जिसकी ख़बर हिंदुस्तान पत्रिका में छपने के कारण मेरे विद्यालय की प्रसिद्धि बलरामपुर जिले के कोने - कोने तक फैल गयी।
मेरे द्वारा विद्यालय में किये गए. कुछ प्रयास
------------------------------
👉1- नियामित रूप से प्रार्थना, राष्ट्रगान देशभक्ति के नारे व उसके बाद बालसभा में बच्चों द्वारा अखबारों की हैडलाइन पढ़कर सुनाने, सदवाक्य, कहानी, कविताएं, महापुरषों व नैतिक कहानियाँ और सामान्य ज्ञान के प्रश्नोत्तर द्वारा बच्चों में नई ऊर्जा पैदा करना।
👉2- प्रतदिन बच्चों की स्वच्छता संबंधी जाँच जैसे ड्रेस, नाखूनों, दांतों की सफाई एवं स्वच्छ न रहने वालों बच्चों को नहलाने के लिए स्कूल में ही बाल्टी, साबुन, शैम्पू, तौलिया, शीशे व कंघी आदि की व्यवस्था करना।
👉3-भौतिक एवं शैक्षिक वातावरण हेतु विद्यालय की रंगाई-पुताई करवाना व कक्षा अनुसार अच्छे-अच्छे T.L.M बनवाना व विद्यालय की चहारदीवारी पर सदवाक्य लिखवाना।
👉4-छात्रों के खेलने हेतु सारे सामान जैसे बैट-बाल, बैटमिंटन, कैरमबोर्ड, शतरंज, फुटबॉल, रास्सीकूद, लूडो व प्लास्टिक की छः दर्ज़न रंग-बिरंगी गेंदे आदि व्यवस्था करना।
👉5- विद्यालय पर्यावरण को स्वच्छ बनाने हेतु बच्चों की सहायोग से पेड़-पौधौ को लगवाना व सुंदर-सुंदर क्यारियों को बनवाना एवं स्वयं के प्रयास से नए-नए गमले लाकर फूल पौधों को लगवाना।
👉6- First-aid-kit और Dustbin, की व्यवस्था करवाना।
👉7-हर बच्चे को टाई, बेल्ट, ईडी कार्ड बनवा कर देना।
👉8-सप्ताह के हर बुधवार व शनिवार को सुबह विद्यालय में ही नीम का दातून करवाना जिससे बच्चों को छोटी छोटी बिमारियों से निज़ात दिलवाना।
👉9-फोन बुक डायरी जिससे कक्षा एक से पांच तक पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों के मोबाइल नम्बर के द्वारा बच्चों से सम्पर्क बनाये रखना।
👉10- बाल संसद गठित करके सभी विभागों को उनके कार्यों व दायित्वों को बताना।
👉11- 26 जनवरी व 15 अगस्त जैसे राष्ट्रीय पर्वों के अवसर पर अधिक उपस्थित रहने वाले बच्चों व उनके अभिभावक को सम्मनित करना।
👉12- वर्ष में चार बार Parents- teacher मीटिंग करके अभिभावक को उनके बच्चों की शैक्षिक रिपोर्ट से अवगत करवाना।
👉13-समय-समय पर डॉक्टरों को विद्यालय में बुलवाकर बच्चों के नियमित से जांच करवाकर दवाइयां उपलब्ध करवाना।
👉14- बच्चों को समय- समय पर शैक्षिक भ्रमण शासन द्वारा प्राप्त सहयोग से करवाना।
👉15-प्रत्येक तीन माह के भीतर Teacher मीटिंग करके अपने सहायक अध्यापकों को बच्चों का शैक्षिक स्तर ओर बढ़ाने हेतु प्रोत्साहित करना।
👉16- विद्यालय में प्रार्थना टीम, स्वच्छता टीम, M.D.M. वितरण टीम, पर्यावरण सुरक्षा टीम आदि बना कर उनसे कार्य करवाना।
👉मेरी और विद्यालय की उपलब्धियां:-
-----------------------------
👉1- वर्ष 2015 में आयोजित ब्लाक स्तरीय कला प्रतियोगिता में शिवानी यादव प्रथम स्थान पर रही।
👉2- वर्ष 2015-16 की वार्षिक परीक्षा में कक्षा-05 का बच्चा रामू साहू पूरे ब्लॉक में अव्वल रहा।
👉3- वर्ष 2016-17 की वार्षिक परीक्षा में कक्षा-05 की सविता वर्मा पूरे ब्लाक में अव्वल रही।
👉4- वर्ष 2016-17 में आयोजित ब्लॉक स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में कबड्डी व लंबी कूद में प्राथमिक विद्यालय बदलपुर की टीम अव्वल रही।
👉5- वर्ष 2014 में 5 सितम्बर को जिलाधिकारी द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर "आदर्श शिक्षक" का सम्मान मिला।
👉6- वर्ष 2017 में B.S.A. सर श्री रमेश यादव द्वारा भौतिक संसाधन व शैक्षिक गुणवत्ता उत्कृष्ट पाए जाने के कारण "प्रशासित पत्र, स्मृति चिन्ह एवं 2100 रुपये" की धनराशि पुरुस्कार स्वरूप प्रदान की गई।
👉7- सत्र 2018-19 में मेरे विद्यालय का चयन अंग्रेजी माध्यम स्कूल में हो गया।
✡विद्यालय का संदेश व नारा✡
------------------------------
""जो दूसरों के बच्चों का भविष्य खराब करते है उनके बच्चों का भविष्य स्वयं ही खराब हो जाता है।"'
मेरे प्यारे दोस्तों आप सभी भी अपने अध्यापक की गरिमा को समझे व खूब मेहनत व लगने से अपने विद्यालय के बच्चों को पढ़ाये और ऐसा प्रभावशाली शिक्षण कार्य करे कि आप स्वयं को गर्वित महसूस कर सकें।
मिशन शिक्षण संवाद परिवार की ओर से आपको विद्यालय परिवार सहित हार्दिक शुभकामनाएँ!
👉 मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण मानते हों और शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से शिक्षा के उत्थान एवं शिक्षक के सम्मान की रक्षा के लिए आपस में हाथ से हाथ मिला कर, मिशन शिक्षण संवाद के अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने में सहयोगी बनकर, शिक्षक स्वाभिमान की रक्षा के लिए आगे बढ़ें। हमें विश्वास है कि अगर आप सब अनमोल रत्न शिक्षक साथी हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सवेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
👫 आओ हम सब हाथ मिलायें।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
👉🏼 नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक साथी प्रेरक कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
उपलब्धियों का विवरण, ऑडियो, वीडियो और फोटो भेजने का Whatsapp No.- 9458278429 एवं ईमेल- shikshansamvad@gmail.com है।
साभार: मिशन शिक्षण संवाद उ० प्र०
निवेदन:- मिशन शिक्षण संवाद की समस्त गतिविधियाँ निःशुल्क, स्वैच्छिक एवं स्वयंसेवी हैं। जहाँ हम आप सब मिलकर शिक्षा के उत्थान और शिक्षक के सम्मान के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसलिए यदि कहीं कोई लोभ- लालच या पद प्रतिष्ठा की बात कर, अपना व्यापारिक हित साधने की कोशिश कर रहा हो, तो उससे सावधान रह कर टीम मिशन शिक्षण संवाद को मिशन के नम्बर-9458278429 पर अवश्य अवगत करा कर सहयोग करें।
धन्यवाद अनमोल रत्न शिक्षक साथियों🙏🙏🙏
विमल कुमार
कानपुर देहात
15/03/2018
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मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद-बलरामपुर से बेसिक शिक्षा के स्वप्रेरित अनमोल रत्न शिक्षक साथी भाई ओम प्रकाश जी से करा रहे हैं। जिन्होंने सकारात्मक सोच से एक शिक्षक के स्वाभिमान की रक्षा करने की चुनौती बहुत ही प्रेरक संदेश के साथ स्वीकार की है। कि:-
"जो व्यक्ति किसी के बच्चों का भविष्य खराब करता है, उसके बच्चों का भविष्य स्वयं ही खराब हो जाता है"
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मेरी प्रथम नियुक्ति गृह जनपद बलरामपुर के शिवपुरा ब्लॉक में 12/07/2011 को प्राथमिक विद्यालय मझगवाँ में सहायक अध्यापक के पद पर हुई। विद्यालय में नामांकन संख्या 125 थी। शैक्षिक स्तर एवं बच्चों की उपस्थिति बहुत कम थी। मेरे कठिन परिश्रम व लगन से शैक्षिक गुणवत्ता व छात्र उपस्थिति में सुधार हुआ। इसी बीच मैं ट्रांसफर करवाकर अपने गृह ब्लॉक रेहरा बाजार में नए संचालित विद्यालय प्राथमिक विद्यालय बदलपुर में 06/08/2012 को आ गया। अभी विद्यालय भवन निर्माण का कार्य अधूरा था जिसमें फर्श खिड़कियां और दरवाजे सभी लगवाने बाकी थे। अगस्त माह में विद्यालय का प्रथम सत्र 2012-13 में चलने के कारण मुझे सिर्फ कक्षा 01 से कक्षा 03 तक 41 बच्चे ही नामांकन के लिये मिले। कारण जानने पर पता चला कि यहाँ आस- पास गांव के सभी बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने जाते हैं। बस यही से "मैने ठान लिया कि प्राथमिक विद्यालय बदलपुर में प्राइवेट स्कूलों से भी ज्यादा शैक्षिक गुणवत्ता व शैक्षिक वातावरण का माहौल पैदा करूंगा कि प्राइवेट स्कूलो में पढ़वाने वाले अभिभावक अपने बच्चों का नाम कटवाकर मेरे विद्यालय(प्राथमिक विद्यालय बदलपुर) में करवाएं।"
विद्यालय में कठिन परिश्रम एवं लगन के परिणाम स्वरूप सत्र दर सत्र विद्यालय में छात्रों का नामांकन बढ़ना शुरू हो गया।
वर्ष 2013-14 में बाउंड्रीवाल व 2015-16 में दो अतिरिक्त कक्षा-कक्ष मेरे द्वारा बनवाया गया। 2014 में मेरा प्रमोशन इसी विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर हो गया। जुलाई 2014 में मुझे तीन सहायक अध्यापक श्रीमती धूपा वर्मा, श्रीमती कुमकुम तिवारी ,मोहम्मद सोहेल(समायोजित शिक्षामित्र) मिले। वर्ष 2015 में श्रीमती अमितापाल सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्त हुई। प्रति कक्षा एक अध्यापक मिल जाने के कारण मेरे सपने साकार होने लगे।
सत्र दर सत्र छात्र नामांकन की स्थिति इस प्रकार है-
सत्र ---------छात्र संख्या
2012-13 ------- 041
2013-14 ------- 082
2014-15 ------- 144
2015-16 ------- 202
2016-17 ------- 269
2017-18 ------- 273
वर्ष 2017-18 में चार कमरे, एक बरामदा व छात्र संख्या 273 होने के कारण बच्चों को विद्यालय में बैठने की असुविधा होने के कारण मुझे विद्यालय के गेट पे No Addmission का बोर्ड लगना पड़ा। जिसकी ख़बर हिंदुस्तान पत्रिका में छपने के कारण मेरे विद्यालय की प्रसिद्धि बलरामपुर जिले के कोने - कोने तक फैल गयी।
मेरे द्वारा विद्यालय में किये गए. कुछ प्रयास
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👉1- नियामित रूप से प्रार्थना, राष्ट्रगान देशभक्ति के नारे व उसके बाद बालसभा में बच्चों द्वारा अखबारों की हैडलाइन पढ़कर सुनाने, सदवाक्य, कहानी, कविताएं, महापुरषों व नैतिक कहानियाँ और सामान्य ज्ञान के प्रश्नोत्तर द्वारा बच्चों में नई ऊर्जा पैदा करना।
👉2- प्रतदिन बच्चों की स्वच्छता संबंधी जाँच जैसे ड्रेस, नाखूनों, दांतों की सफाई एवं स्वच्छ न रहने वालों बच्चों को नहलाने के लिए स्कूल में ही बाल्टी, साबुन, शैम्पू, तौलिया, शीशे व कंघी आदि की व्यवस्था करना।
👉3-भौतिक एवं शैक्षिक वातावरण हेतु विद्यालय की रंगाई-पुताई करवाना व कक्षा अनुसार अच्छे-अच्छे T.L.M बनवाना व विद्यालय की चहारदीवारी पर सदवाक्य लिखवाना।
👉4-छात्रों के खेलने हेतु सारे सामान जैसे बैट-बाल, बैटमिंटन, कैरमबोर्ड, शतरंज, फुटबॉल, रास्सीकूद, लूडो व प्लास्टिक की छः दर्ज़न रंग-बिरंगी गेंदे आदि व्यवस्था करना।
👉5- विद्यालय पर्यावरण को स्वच्छ बनाने हेतु बच्चों की सहायोग से पेड़-पौधौ को लगवाना व सुंदर-सुंदर क्यारियों को बनवाना एवं स्वयं के प्रयास से नए-नए गमले लाकर फूल पौधों को लगवाना।
👉6- First-aid-kit और Dustbin, की व्यवस्था करवाना।
👉7-हर बच्चे को टाई, बेल्ट, ईडी कार्ड बनवा कर देना।
👉8-सप्ताह के हर बुधवार व शनिवार को सुबह विद्यालय में ही नीम का दातून करवाना जिससे बच्चों को छोटी छोटी बिमारियों से निज़ात दिलवाना।
👉9-फोन बुक डायरी जिससे कक्षा एक से पांच तक पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों के मोबाइल नम्बर के द्वारा बच्चों से सम्पर्क बनाये रखना।
👉10- बाल संसद गठित करके सभी विभागों को उनके कार्यों व दायित्वों को बताना।
👉11- 26 जनवरी व 15 अगस्त जैसे राष्ट्रीय पर्वों के अवसर पर अधिक उपस्थित रहने वाले बच्चों व उनके अभिभावक को सम्मनित करना।
👉12- वर्ष में चार बार Parents- teacher मीटिंग करके अभिभावक को उनके बच्चों की शैक्षिक रिपोर्ट से अवगत करवाना।
👉13-समय-समय पर डॉक्टरों को विद्यालय में बुलवाकर बच्चों के नियमित से जांच करवाकर दवाइयां उपलब्ध करवाना।
👉14- बच्चों को समय- समय पर शैक्षिक भ्रमण शासन द्वारा प्राप्त सहयोग से करवाना।
👉15-प्रत्येक तीन माह के भीतर Teacher मीटिंग करके अपने सहायक अध्यापकों को बच्चों का शैक्षिक स्तर ओर बढ़ाने हेतु प्रोत्साहित करना।
👉16- विद्यालय में प्रार्थना टीम, स्वच्छता टीम, M.D.M. वितरण टीम, पर्यावरण सुरक्षा टीम आदि बना कर उनसे कार्य करवाना।
👉मेरी और विद्यालय की उपलब्धियां:-
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👉1- वर्ष 2015 में आयोजित ब्लाक स्तरीय कला प्रतियोगिता में शिवानी यादव प्रथम स्थान पर रही।
👉2- वर्ष 2015-16 की वार्षिक परीक्षा में कक्षा-05 का बच्चा रामू साहू पूरे ब्लॉक में अव्वल रहा।
👉3- वर्ष 2016-17 की वार्षिक परीक्षा में कक्षा-05 की सविता वर्मा पूरे ब्लाक में अव्वल रही।
👉4- वर्ष 2016-17 में आयोजित ब्लॉक स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में कबड्डी व लंबी कूद में प्राथमिक विद्यालय बदलपुर की टीम अव्वल रही।
👉5- वर्ष 2014 में 5 सितम्बर को जिलाधिकारी द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर "आदर्श शिक्षक" का सम्मान मिला।
👉6- वर्ष 2017 में B.S.A. सर श्री रमेश यादव द्वारा भौतिक संसाधन व शैक्षिक गुणवत्ता उत्कृष्ट पाए जाने के कारण "प्रशासित पत्र, स्मृति चिन्ह एवं 2100 रुपये" की धनराशि पुरुस्कार स्वरूप प्रदान की गई।
👉7- सत्र 2018-19 में मेरे विद्यालय का चयन अंग्रेजी माध्यम स्कूल में हो गया।
✡विद्यालय का संदेश व नारा✡
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""जो दूसरों के बच्चों का भविष्य खराब करते है उनके बच्चों का भविष्य स्वयं ही खराब हो जाता है।"'
मेरे प्यारे दोस्तों आप सभी भी अपने अध्यापक की गरिमा को समझे व खूब मेहनत व लगने से अपने विद्यालय के बच्चों को पढ़ाये और ऐसा प्रभावशाली शिक्षण कार्य करे कि आप स्वयं को गर्वित महसूस कर सकें।
मिशन शिक्षण संवाद परिवार की ओर से आपको विद्यालय परिवार सहित हार्दिक शुभकामनाएँ!
👉 मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण मानते हों और शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से शिक्षा के उत्थान एवं शिक्षक के सम्मान की रक्षा के लिए आपस में हाथ से हाथ मिला कर, मिशन शिक्षण संवाद के अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने में सहयोगी बनकर, शिक्षक स्वाभिमान की रक्षा के लिए आगे बढ़ें। हमें विश्वास है कि अगर आप सब अनमोल रत्न शिक्षक साथी हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सवेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
👫 आओ हम सब हाथ मिलायें।
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साभार: मिशन शिक्षण संवाद उ० प्र०
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विमल कुमार
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