योग-आसन : स्वास्थ्य-साधन

सुन लो सुन लो काम की बात
योगासन से बड़े लाभ

तन मन रक्खें निर्विकार
करें सूर्य नमस्कार

अन्तर्मन में अनुशासन
ध्यान धरें जब पद्मासन

भोजन का अच्छा पाचन
जब करते हम वज्रासन

करें फेफड़े अच्छा काम
जब हम करते प्राणायाम

ओज से मस्तक दमकाती
बड़े काम की कपाल-भाति

स्नायुओं में रहे तरी
जब हो गुंजित भ्रामरी

लम्बाई का पाता धन
जो करता है ताड़ासन

रीढ़ में आये लचीलापन
कर लो कर लो हल-आसन

सर्व-अंग पुष्टि का साधन
होता है सर्वांग-आसन

जोड़ों का अच्छा संचालन
करते हैं जब गरुड़ासन

उदर-अंग का हो नियमन
जब हम करें  मयूरासन

याददाश्त होगी अनुपम
जो नित करता शीर्षासन

कमर लचीली का कारण
बनता है त्रिकोणासन

चौड़ी छाती का साधन
रोज लगाओ दण्डासन

मन का होता शुद्धिकरण
जब लगता है सिद्धासन

हो थकान का पूर्ण शमन
अंत में करते शव-आसन

और अन्त में रक्खें याद
यम-नियम बिन बने न बात

करें योग का नित्य प्रयोग
दूर रहेंगे सारे रोग

आधि-व्याधि से न हों त्रस्त
तन-मन होगा पूर्ण स्वस्थ

रचनाकार
प्रशान्त अग्रवाल
सहायक अध्यापक
प्राथमिक विद्यालय डहिया
विकास क्षेत्र फतेहगंज पश्चिमी
ज़िला बरेली (उ.प्र.)

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