बच्चों करो जगत में नाम
आओ मेरे प्यारे बच्चों,
मिलकर करें ये काम।
शिक्षा और मूल्य को जोड़ें,
करें जगत में नाम।
सबसे पहले सोकर उठना,
और भू माता को करें प्रणाम।
कर में ईश्वर वास् हैं करते,
रोज करें हम उनका ध्यान।
नित्य क्रिया में सबसे पहले,
शौचालय का हम प्रयोग करें।
मंजन और स्नान को करके,
हल्का भोजन ही हम करें।
मात-पिता और सभी बड़ों का,
सुबह रोज अभिवादन करना।
स्कूल जाकर खूब है पढ़ना,
शिक्षक का सम्मान है करना।
हाथों को धुल भोजन करना,
साफ सफाई का रखो तुम ध्यान,
और विद्यालय में प्राप्त करो ज्ञान।
समाज मे फैली कुरीतियों को,
हम मिलकर दूर भगायेंगे।
खूब पढ़ेंगे- खूब लिखेंगे,
परिपूर्ण मूल्य जीवन बनाएँगे।
समाज सेवा की राहों में,
हमें मिलकर साथ निकलना है।
निर्बल और निर्धन को भी,
सम्बल हमको देना है।
पढ़ लिखकर मजबूत करेंगे,
अपने देश का गौरव हम।
देश की रक्षा और सुरक्षा,
मिलकर नित्य करेंगे हम।
हम बदलेंगे होगा युग परिवर्तन,
और बदलेंगे ये सब जन।
जन को गण से गण को मन से,
मिलकर हमको गाना है।
अपने वैभव शाली समाज को,
फिर सम्मान दिलाना है।
लड़का-लड़की एक है समझो,
लिंग भेद मत करना तुम।
कल के वैभवशाली भारत के,
कर्ता धर्ता भी हो तुम।
उद्देश्य बना नेक बनोगे
सबका साथ निभाओगे।
तुम सबका साथ निभाओगे।।
जय हिंद जय भारत
रचयिता
परिणीता चतुर्वेदी,
प्राथमिक विद्यालय इमीलिया,
विकास खण्ड-कबरई,
जनपद-महोबा(उ0प्र0)।
मिलकर करें ये काम।
शिक्षा और मूल्य को जोड़ें,
करें जगत में नाम।
सबसे पहले सोकर उठना,
और भू माता को करें प्रणाम।
कर में ईश्वर वास् हैं करते,
रोज करें हम उनका ध्यान।
नित्य क्रिया में सबसे पहले,
शौचालय का हम प्रयोग करें।
मंजन और स्नान को करके,
हल्का भोजन ही हम करें।
मात-पिता और सभी बड़ों का,
सुबह रोज अभिवादन करना।
स्कूल जाकर खूब है पढ़ना,
शिक्षक का सम्मान है करना।
हाथों को धुल भोजन करना,
साफ सफाई का रखो तुम ध्यान,
और विद्यालय में प्राप्त करो ज्ञान।
समाज मे फैली कुरीतियों को,
हम मिलकर दूर भगायेंगे।
खूब पढ़ेंगे- खूब लिखेंगे,
परिपूर्ण मूल्य जीवन बनाएँगे।
समाज सेवा की राहों में,
हमें मिलकर साथ निकलना है।
निर्बल और निर्धन को भी,
सम्बल हमको देना है।
पढ़ लिखकर मजबूत करेंगे,
अपने देश का गौरव हम।
देश की रक्षा और सुरक्षा,
मिलकर नित्य करेंगे हम।
हम बदलेंगे होगा युग परिवर्तन,
और बदलेंगे ये सब जन।
जन को गण से गण को मन से,
मिलकर हमको गाना है।
अपने वैभव शाली समाज को,
फिर सम्मान दिलाना है।
लड़का-लड़की एक है समझो,
लिंग भेद मत करना तुम।
कल के वैभवशाली भारत के,
कर्ता धर्ता भी हो तुम।
उद्देश्य बना नेक बनोगे
सबका साथ निभाओगे।
तुम सबका साथ निभाओगे।।
जय हिंद जय भारत
रचयिता
परिणीता चतुर्वेदी,
प्राथमिक विद्यालय इमीलिया,
विकास खण्ड-कबरई,
जनपद-महोबा(उ0प्र0)।
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