रंगों का प्यारा त्यौहार

रंगों का प्यारा त्यौहार,
  आयी होली में बहार।
फूट गये मन के गुबार,
  आयी होली में बहार।।
रिश्ते व नाते सारे,
   इस मौसम में भूल जाते।
छोटे या बड़े सबको,
   जाकर गले से लगाते।
सब रंगों की करते फुहार,
   आयी होली में बहार।।

गुजिया,पकौड़ी,मीठा,
   सबके घर पर हैं खाते।
रंग भरे मौसम में,
  सबको रंग हैं चढ़ाते।
करते सभी से हम प्यार,
   आयी होली में बहार।।
लगाते अबीर और गुलाल,
    आयी होली में बहार।।

रचयिता
रवीन्द्र शर्मा,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बसवार,
विकास क्षेत्र-परतावल,
जनपद-महराजगंज,उ०प्र०।

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