२०४- मुकेश कुमार PS लउआ, उझानी, बदायूँ
💎🏅अनमोल रत्न 🏅💎
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से एक ऐसे समर्पित अनुभव के प्रतीक अनमोल रत्न शिक्षक साथी भाई मुकेश कुमार जनपद- बदायूँ से करा रहे हैं। जिनके प्रेरक प्रयास और कार्यानुभव हम जैसे हजारों शिक्षकों के लिए प्रेरक और अनुकरणीय मार्ग दर्शक होंगे जो अपने विद्यालय को समाज के लिए सम्मानित और विश्वास का प्रतीक बनाना चाहते हैं।
आइए देखते हैं हम सब के लिए प्रेरक और अनुकरणीय मार्ग दर्शनः-
प्रा०वि० लऊआ, वि०क्षे०~उझानी, जनपद~ बदायूँ शहर से १६ किमी दूर है। आपको जानकर हैरानी होगी आजादी के ७५ वर्ष के बाद ही उस गॉव में अक्टूबर २०१७ में बिजली पहुँची है आैर यही नही शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ही पिछड़ा हुआ हैं उक्त गॉव में गिनती के दो से चार ही नौकरी में थे वह भी पुलिस विभाग में, वह भी लोग भी शहर में रहतें है गाँव में अधिकांश. लोग सामान्य जाति के लोग निवासी हैं एक परिवार पिछड़ी जाति का कुछ परिवार अनुसूचित जाति के हैं।
सन् २०१० में मैं प्र०अ० पद पर पहुंचा, विद्यालय की स्थिति बेहद खराब थी कुछ लोग विद्यालय में मेरे से मिलने आए मैंने उन व्यक्तियों से बात की विद्यालय की स्थिति बहुत खराब है बोलो क्या करना चाहिए? हमें सर्विस के प्रारम्भ से ही मेहनत करने की आदत थी और मेरा एक सपना था कि अपने विद्यालय को एक मॉडल विद्यालय कैसे बनाया जाए? जहाँ बच्चों को हर प्रकार की सुविधा हो।
लेकिन मैं यह भी भली प्रकार से जानता था कि यह कार्य इतनी सरलता से सम्भव भी नहीं है क्योंकि लम्बे समय तक हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम रहा है देश को आजाद कराने वाले क्रांतिकारियों ने भी पब्लिक के बीच स्वयं को उन अंग्रजों से लोहा लिया स्वयं यातनाएँ झेलीं, उस समाज के खातिर आवाज बुलंद की लोगों को जाग्रत करने के लिए न जाने कितने प्रयास करे होगें तब जाकर लोगों को भरोसा, विश्वास दिलाने में कामयाब हुए होंगे, वही आदत आज भी लोगों को भ्रमित कर रही है लोगों को तुमसे तो आशा रहती है कि ठीक से कार्य करें परन्तु स्वयं के बारे में नहीं सोचते कि हम कहाँ तक ठीक हैं। हमें समाज में मनुष्य होने का प्रमाण देना होता है। तब जाकर हमें समाज का साथ मिल पाता है।
प्रारम्भ में मुझे भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा, विद्यालय में पढ़ाई के प्रति छोटी-छोटी गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को जाग्रत किया अविभावकों को महसूस होने लगा बच्चों में परिवर्तन, उधर गॉव में समाज के हर छोटे बड़े व्यक्तियों से सम्पर्क बना रखा था विद्यालय में छोटे-छोटे कार्य से विद्यालय में परिवर्तन आने लगा, मुझे विद्यालय को उन ऊँचाईयों तक पहुंचाना था जो मैंने सोचा था। गाँव से सहयोग लेना आरम्भ कर दिया आैर उधर विद्यालय में एस.एम.सी का गठन हुआ एस.एम.सी की बार-बार मीटिंग की एस.एम सी को जाग्रत किया विद्यालय प्रांगण का खाका तैयार किया। आकर्षण बनाने में क्यारियाँ स्वयं मैंने और शिक्षा मित्र नरदेव के द्वारा खुदाई की गयी। जब हम खुदाई कर रहे थे तभी एक व्यक्ति गॉव का आया। उस व्यक्ति ने देखा कि मास्साब क्यारी खोद रहे हैं तो उस व्यक्ति ने क्यारी बनाने में मदद की। मैं इसलिए कह रहा हूँ उस व्यत्ति ने हमारी मदद की, वह व्यक्ति गाँव में झगड़ालू टाइप का था मगर वह व्यक्ति मुझे बहुत सम्मान देता था। आज क्यारियों लगे पेड़़ पौधों और जो विद्यालय की हरियाली है। वह गाँव के ही सेवानिवृत्त डा० श्री आराम सिंह के सौजन्य स़े नल में मोटर डलवाई गई। जिससे पौधों में सिंचाई करना आसान हो गया। आगे प्लान में ब़च्चों को पानी पीने हेतु टंकी लगवानी थी एस०एम०सी० के सहयोग से और गॉव वालों की सहायता से टंकी की फिटिंग करवा दी। एन०जी०ओ० की मदद से इनवर्टर की व्यवस्था हो गयी। गॉव के ही पुलिस में एक व्यत्ति के सौजन्य से साउन्ड दिया गया। सोशल अॉडिट पर विद्यालय की फिल्म बनी जो यू-टयूब पर है मगर विद्यालय में और भी कार्य कराने थे। जिसके लिए ऐसे व्यक्ति से भेंट हुई जो गॉव के ही थे श्री पंकज सक्सेना के सौजन्य से बच्चों को बैठने हेतु फर्नीचर की व्यवस्था हुई जो ६०००० रुपए दिए गए और आगे के कई कार्य प्रस्तावित है जो जन सहयोग से करने है।
सादर: मुकेश कुमार
प्राथमिक विद्यालय लऊआ
विकास खण्ड: उजानी
जनपद: बदायूँ
मित्रों आपने देखा कि किस तरह छोटे-छोटे प्रयासों और कुछ करने की चाहत से अपने विद्यालय को श्रेष्ठ बनाया जा सकता है। मिशन शिक्षण संवाद की ओर से ऐसे अनमोल रत्न को हार्दिक शुभकामनाएं!
👉 मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से शिक्षा के उत्थान एवं शिक्षक के सम्मान की रक्षा के लिए आपस में हाथ से हाथ मिला कर, मिशन शिक्षण संवाद के अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनकर, शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप सब अनमोल रत्न शिक्षक साथी हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सवेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
👫 आओ हम सब हाथ मिलायें।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
👉🏼 नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक साथी प्रेरक कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
उपलब्धियों का विवरण, ऑडियो, वीडियो और फोटो भेजने का Whatsapp No.- 9458278429 एवं ईमेल- shikshansamvad@gmail.com है।
साभार: मिशन शिक्षण संवाद उ० प्र०
निवेदन:- मिशन शिक्षण संवाद की समस्त गतिविधियाँ निःशुल्क, स्वैच्छिक एवं स्वयंसेवी हैं। जहाँ हम आप सब मिलकर शिक्षा के उत्थान और शिक्षक के सम्मान के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसलिए यदि कहीं कोई लोभ- लालच या पद प्रतिष्ठा की बात कर, अपना व्यापारिक हित साधने की कोशिश कर रहा हो, तो उससे सावधान रह कर टीम मिशन शिक्षण संवाद को मिशन के नम्बर-9458278429 पर अवश्य अवगत करा कर सहयोग करें।
धन्यवाद अनमोल रत्न शिक्षक साथियों🙏🙏🙏
विमल कुमार
कानपुर देहात
04/03/2018
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