बेटी बचाओ

 बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ,

 अभियान यह कितना सुंदर|

 घर-घर जब अलख जगे

 तब हो कितना बेहतर|

 बेटी की  चितवन देखो,

  कैसी होती है घर की रौनक

 देख सकते हैं आप सभी

 किसी एक  भी घर की झलक|

 कहाँ पीछे रह गईं आज बेटियाँ

 सबकी दुलारी बेटियाँ|

 बेटियों को सम्मान देना

 बेटों को आज सिखाओ,

 इस दुनिया में कोई दुश्वारी

 फिर कभी ना हो|

 फिक्र करना संजोकर रखना

 ये  आज उन्हें समझाओ|

 बेटी ही तो होती है पीढ़ी की संवाहक

 बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान है कितना सुंदर|

 न रह जाए संदेश ही केवल

 घर से ही बेटों को समझाओ|

                        

रचयिता
अनिता उनियाल,
सहायक अध्यापक,
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय दिवाड़ा,
विकास खण्ड-चम्बा,
जनपद-टिहरी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड।



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