याद रखना मेरी बिटिया

मैंने सोच लिया है बिटिया

जन्म तुझे मैं दूँगी,

भ्रूण हत्या की खिलाफत

मैं संसार में करके रहूँगी

तू बड़े वरदानों से मिली है बिटिया 

तेरा पालन मैं प्यार से करुँगी

कैसे पाला जाता है बिटिया को

जग को मैं समझा के रहूँगी

फूलों से नाजुक नहीं बनना तुझे

हीरे  जैसे तुझे चमकाऊँगी

पढ़ा लिखाकर तुझको बिटिया

तेरा खोया सम्मान दिला दूँगी

पर बिटिया सुन तुझको 

 अपना ही नहीं देश का गौरव बढ़ाना है

धरती पर ही नहीं

आसमां की सैर पर जाना है

समझ जा बिटिया मेरी

परिवार के साथ देश का बोझ उठाना है

कोई अबला तुझे अब ना बोले

तुझे कुछ बोलने से पहले

अपने दिल में तोले

तुझे अब सारी बेटियों को बचाना है

भ्रूण हत्या, दहेज हत्या

नारी उत्पीड़न के खिलाफ हो जाना है

याद रखना मेरी बिटिया

 तुझे सारी बेटियों को बचाना है

भरोसा है मुझे मेरी बिटिया

नारी को तू सम्मान दिलाएगी

 बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ

नारे को सार्थक बनाएगी

नन्हें-नन्हें कदमों से मेरी बिटिया

बड़े-बड़े काम कर जाना

हर माँ को बेटी होने पर फक्र हो

ऐसे तू कुछ कर जाना


रचयिता
नन्दी बहुगुणा,
प्रधानाध्यापक,
रा० प्रा० वि० रामपुर,
विकास खण्ड-नरेन्द्रनगर,
जनपद-टेहरी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड।



Comments

Total Pageviews