राष्ट्रीय बालिका दिवस
तर्ज़... तुम अगर साथ देने का वादा करो
हम अगर बेटियों को बचाते रहें
बेटियाँ यूँ सदा मुस्कुराती रहें..
तुम उन्हें बेटों की तरह पढ़ाते रहो,
बेटी भी हर जगह मान बढ़ाती रहे...
कितनी बेटी कोख में मारी गईं
कितनी बेटी को दुनिया में लाये नहीं
बेटी कोख में माँ से यह कहती रही
मेरी गलती थी क्या माँ बताया नहीं
तुम अगर मुझको दुनिया में लातीं अगर
मैं भी सिर को तुम्हारे ऊँचा करूँ......
मैं भी बन सकती थी पढ़कर अफसर मगर
बेटे के जैसे तुमने पढ़ाया नहीं
दुनिया समझे कि बेटी तो कमज़ोर है
इसलिए उसे दुनिया में लाना नहीं
तुम अगर बेटियों को सम्मान दो
बेटी भी हर हुनर अब दिखाती रहे
डॉक्टर, इंजीनियर बेटी बनती रही
फिर भी बेटों सा सम्मान पाया नहीं
पायलट बने या फिर बने ये डीएम
क्या घर को तुम्हारे सजाया नहीं
आओ बेटी बचाने का संकल्प लें
बेटियाँ यूँ सदा मुस्कुराती रहें...
रचयिता
शहनाज बानो,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय भौंरी -1,
विकास क्षेत्र-मानिकपुर,
जनपद-चित्रकूट।
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