मतदाता दिवस

भैया बहनों भूल ना जाना,

वोट डालने जरूर जाना।

लोकतंत्र को मजबूत है बनाना,

भारत का उत्थान है करना।


शिक्षित प्रतिनिधि को चुनना है,

लालच को अब नहीं सुनना है।

जाति -धर्म का बंधन तोड़ो,

मतदान सभी को करना है।


जाल में हमें नहीं फँसना है,

बुद्धि -विवेक से काम लेना है।

अभियान चलाकर हम सबको,

उत्तम निर्णय अब करना है।


संसद की महती गरिमा बचाना है,

तार-तार करते हैं जो सबक उन्हें सिखाना है।

लोकतंत्र के मंदिर की मर्यादा का भान नहीं,

ऐसे भ्रष्ट लोगों को बढ़ने नहीं देना है।


समझदार नागरिक का फर्ज निभाना है,

कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति को जिताना है।

जन -जन का हितैषी जो हो इंसान,

वहीं होगा मत रूपी खजाने का सम्मान।


नारी -सुरक्षा और सम्मान का हो जिसे ध्यान,

अपनी पद -प्रतिष्ठा का ना हो जिसे अभिमान।

संस्कृति की अस्मिता पर ना करें प्रहार,

वही पाएगा जनता से अपने पक्ष में मतदान।


रचयिता
नम्रता श्रीवास्तव,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय बड़ेह स्योढ़ा,
विकास खण्ड-महुआ,
जनपद-बाँदा।


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