महात्मा बापू

1869 को मोहन

ने भारत भूमि

गुजरात में जन्म लिया

 माँ पुतलीबाई पिता करमचंद


हरिश्चंद्र  श्रवण भक्ति नाटक  ने

इतना गहरा  उनके जीवन मे

सत्यनिष्ठा पितृ भक्ति अंकुर जमा दिया


अपने ही घर मे उका को 

न छूने की बात से अस्पर्शयता को दूर मिटाने

का संकल्प लिया।।


गुरु गोखले से आशीर्वाद ले 

पैदल भारत भ्रमण कर

अंग्रेजों से मुक्त कराने का बीड़ा उठा लिया।।

सत्य अहिंसा के पथ पर चल

भारत में विदेशी हुकूमत  को हिला दिया


साबरमती के संत ने चरखा को हथियार अपना बना लिया

स्वदेशी को अपनाने का संकल्प लिया


1930 में दांडी मार्च कर नमक कानून

 तोड़ भारत का लोहा मनवा लिया

 1942 में करो या मरो का बुलंद नारा दे

भारत छोड़ो आंदोलन चला 

अंग्रेजों के शासन की जड़ को हिला दिया

1947 को भारत आजाद कर

नेहरू को देश की बागडोर थमा

30 जनवरी 1948 शुक्रवार प्रातः:

बिरला मंदिर में ""है राम" कह जग

से नाता छोर परमात्मा में विलीन हो गये

हे राम


रचयिता
माधुरी पौराणिक,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय हस्तिनापुर,
विकास खण्ड-बड़ागाँव,
जनपद-झाँसी।



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