ऐसा हो गणतंत्र हमारा

ऐसा हो गणतंत्र हमारा 

सुधरे हर दिन तंत्र हमारा। 

सबको अपना कहें सभी

दुःख आयें तो सहें सभी

इकधारा में बहें सभी

         ऐसा हो गणतंत्र हमारा

         सुधरे हर दिन तंत्र हमारा।

बाधाएँ मिल दूर करें

सेवा नित भरपूर करें। 

मर्यादा का मान करें

जनहित का सम्मान करें।

         ऐसा हो गणतंत्र हमारा

         सुधरे हर दिन तंत्र हमारा।

रंगभेद की बात न हो

ऊँची - नीची जात न हो

बुरी कभी सौगात न हो 

काँटों वाली रात न हो।

         ऐसा हो गणतंत्र हमारा

         सुधरे हर दिन तंत्र हमारा।

कोई भी भयभीत न हो

रहे जहाँ बिन मीत न हो

झूठी - मूठी जीत न हो

बिना सुरों का गीत न हो।

          ऐसा हो गणतंत्र हमारा

          सुधरे हर दिन तंत्र हमारा।

बच्चों को नव ज्ञान मिले

रोज नया विज्ञान मिले।

बूढ़ों को सम्मान मिले 

राष्ट्र को गुणगान मिले

         ऐसा हो गणतंत्र हमारा

         सुधरे हर दिन तंत्र हमारा।


रचयिता

नीता पन्त, 

प्रभारी प्रधानाध्यापक,       

राजकीय जूनियर हाईस्कूल दडमाड़,

विकास खण्ड-द्वाराहाट, 

जनपद-अल्मोड़ा,

उत्तराखण्ड।



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