कर दिया कमाल

न कोई खड्ग था,

न ही कोई ढाल।

तेरी लाठी ने ही बापू,

कर दिया कमाल।


आँधियाँ बुझा ना पाईं,

बापू तेरी मशाल।

फिरंगियों का तूने,

किया था बुरा हाल।


माँ भारती का तुमसे,

देखा ना गया हाल।

तोड़नी थीं बेड़ियाँ,

गुलामी की हर हाल।


सत्य को तलवार बना,

अहिंसा को ढाल।

माँ भारती के लाल तूने,

कर दिया कमाल।


जीवन था तेरा सादा,

और उच्च थे विचार।

दुश्मन के सामने भी,

ना छोड़ा सदाचार।


काँटों भरी राह पर,

नंगे पैर चल दिये।

तेरे एक इशारे पे,

हज़ारों पैर चल दिए।


हो सत्याग्रह आंदोलन,

या दांडी की यात्रा हो।

अंग्रेंजों की हार हो बस,

देश में पूर्ण स्वराज हो।


चरखे के ताने बाने से,

तूने रच डाला इतिहास।

फिरंगियों को चटा धूल,

तिरंगे की बचाई लाज।


गैरों में दम कहाँ था,

दगा अपने कर गए।

गोडसे से जालिम,

सीना छलनी कर गए।


अमर रहेगी गाथा तेरी,

अमर रहेगा नाम।

बापू जी तुम्हारे चरणों में,

शत शत है प्रणाम।


रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।



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