तिरंगा आंचल कर देना

हरी भरी धरती मुस्काए,

मन जन गण मन गाये।

मेरा तिरंगा अंबर में,

खुश होकर लहराए - मेरा तिरंगा अंबर -------------


केसरिया है तन मेरा,

मन भारत बन जाए।

स्वच्छ धवल हो जीवन सबका,

चक्र प्रतिपल है हँसाए - मेरा तिरंगा अंबर -------------


गीत यही सदियों तक,

 तेरे भारत  में गाये जाएँगे।

हर युवा बने है भगत सिंह, 

बहनें कसम निभाएँगी - मेरा तिरंगा अंबर---------------


सौ बार जन्म मुझको, 

मेरे ईश्वर दे देना।

मातृभूमि भारत की, 

तिरंगा आंचल कर देना - मेरा तिरंगा अंबर---------------


देश प्रेम की अलख,

 यूँही जलाते जाएँगे

लहू जो देश काम,

हम शीश  कटा देंगे - मेरा तिरंगा अंबर ------


आन मेरी है, शान मेरी है, 

अभिमान बनाऍंगे।

गद्दारों को देश से अपने,

 हम  मार भागाएँगे - मेरा तिरंगा अंबर -----------


रचनाकार
दीपमाला शाक्य दीप,
शिक्षामित्र,
प्राथमिक विद्यालय कल्यानपुर,
विकास खण्ड-छिबरामऊ,
जनपद-कन्नौज।



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