होली

होली हिन्द की है पहचान,

सारे पर्वों की है शान,

रंग-बिरंगे रंगों से सज जाता हिंदुस्तान ।

होली हिन्द की पहचान...........

हिम से जड़ित मुकुट के प्रहरी,

रंग-बिरंगी संस्कृति गहरी,

शत्रु के रक्त से खेली जिसने,

सुबह शाम उठते ही होली,

हिन्द का हर सैनिक देता निज प्राणों का बलिदान।।

होली हिन्द की है पहचान............

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई,

जीवन में रंग सबके भाई।

एक के घर महके है खुशियाँ,

दूजा शामिल ले मीठी बतियाँ,

एक ने त्यागा निज अभिमान,

गर्व कर उठा हिंदुस्तान।

मिलजुलकर सब आज मनाएँ होली पर्व महान।

होली हिन्द की है पहचान........

सागर से गहरे हृदयों में

उज्ज्वल जल से कोमल मन में,

क्षितिज सा फैला है विस्तार,

जन-जन में बसता है प्यार।

रंग-बिरंगे होली के रंग,

रंग देते एक समान।

हिन्दू हो या मुस्लिम सब हैं केवल इंसान।

होली हिन्द की है पहचान.........

दंभ, ईर्ष्या, द्वेष, पाप जो,

हो जाते एकत्रित।

रंगों से सब धुल जाते,

हो जाता राष्ट्र प्रकाशित,

आज गले मिलकर अपने सब,

जग को देते एक दृष्टांत।

भिन्न रंगों से सजा देश ये कहलाता है महान।

होली हिन्द की है पहचान..............


रचयिता

सीमा मिश्रा,
सहायक अध्यापक,
उच्च प्राथमिक विद्यालय काज़ीखेडा,
विकास खण्ड-खजुहा,
जनपद-फतेहपुर।



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