जल

तर्ज- बहुत प्यार करते हैं…


जीवन का आधार है जल।

न मानो तो कर लो, चिन्तन मनन।।


जल के बिना हम, जी ना सकेंगे।

साँसें भी अपनी, ले ना सकेंगे।।

कैसे रहेंगे, इस जग में हम......


जीवन का आधार है जल।

न मानो तो कर लो, चिन्तन मनन।।


हरियाली ना होगी, जंगल ना होंगे।

पशु पक्षियों के, घर भी ना होंगे।।

कैसे जिएँगे, जीव-जन्तु जन......


जीवन का आधार है जल।

न मानो तो कर लो, चिन्तन मनन।।


जल से बड़ा कोई, अमृत न होई,

जल की कीमत, समझो हर कोई,

जल को करें ना, बर्बाद हम........


जीवन का आधार है जल।

न मानो तो कर लो, चिन्तन मनन।।


जल है पावन, माँ की ममता सा।

जल है निर्मल, गंगा जल सा।।

जल का करेंगे, सम्मान हम......


जीवन का आधार है जल।

न मानो तो कर लो, चिन्तन मनन।।


कूड़ा-कचरा, ना नदी में बहाएँ।

बीमारियों से, सबको बचाएँ।।

आओ करें ये, संकल्प हम........


जीवन का आधार है जल।

न मानो तो कर लो, चिन्तन मनन।।


रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।



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