कलम

कलम से करता हूँ मैं प्यार 

जो है हर शिक्षक का हथियार 

१- कलम की कथा पुरानी है,

कलम ऋषियों की निशानी है!

कलम ही अदब सिखाती है,

कलम ही मार्ग दिखाती है!

कलम पर रखो तुम विश्वास,

कलम ही रचती है इतिहास!

कलम से वर्ण, शब्द लिखकर

करूँगा हर सपना साकार!!

कलम से करता..................

जो है हर..........................

२- चले जब कलम, नहींथमती,

किसी बंदिश में ना बँधती!

कलम करती है मुझसे बात,

है देती कदम-कदम पर साथ!

मन में आता है सिर्फ विचार,

कलम करती उसका विस्तार!

कलम से करो ना तुम तकरार,

कलम ही लेखक की तलवार!!

कलम से करता....................

जो है हर.............................

३- कलम कागज पर है कुर्बान, 

कलम हर शायर की पहचान!

कलम को ईश्वर तुम मानो,

कलम की ताकत अब जानो!

कलम जब साथ देती है तो मालामाल करती है,

कलम मुँह मोड़ लेती है तो फिर कंगाल करती है!

मै हूँ एक छोटी सी कश्ती,

कलम ही है मेरी पतवार!!

कलम से करता हूँ मैं प्यार 

जो है हर शिक्षक का हथियार!!

             

रचयिता

अंकुर पुरवार,

सहायक अध्यापक,

उच्च प्राथमिक विद्यालय सिथरा बुजुर्ग,

विकास खण्ड-मलासा,

जनपद-कानपुर देहात।



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