होली है
भई होली का हुड़दंग
कहीं रंगों की बौछार।
मन में नव उमंग लिए,
आया होली का त्योहार।
आया होली का त्योहार।।
पत्ता-पत्ता सजा हुआ है,
नव पुष्पों से भरा हुआ है।
प्रकृति में नव उमंग लाया,
लेकर बसन्त का त्योहार।
आया होली का त्योहार।।
बच्चे-बच्चे झूम रहे,
अबीर गुलाल को चूम रहे।
बूढ़े जवान सब नाच रहे,
टोली में सब झूम रहे।
आया होली का त्योहार।।
कोई राधा कृष्ण बने हुए,
जन-जन को प्रीत सीखा रहे।
एक दूजे पर गुलाल लगाकर,
आपसी भाईचारा निभा रहे।
आया होली का त्योहार।।
नर- नारी आज सजे हुए,
सतरंगी रंगों में रंग रहे।
गीत मिलन के गाते हुए,
घर-घर बधाई दे रहे।
आया होली का त्योहार।।
होली के रंगों जैसा हो,
जीवन सबका रंगोत्सव सा।
सुख समृद्धि और उल्लास हो,
जन-जन का जीवन हो उत्सव सा।
आया होली का त्योहार।।
अमीर गरीब का भेद न हो,
न ऊँच नीच की खाई।
हर रंग का अपना मोल जैसे,
सबका सम्मान करना सीखें भाई।
आया होली का त्योहार।।
रचयिता
सन्नू नेगी,
सहायक अध्यापक,
राजकीय कन्या उच्च प्राथमिक विद्यालय सिदोली,
विकास खण्ड-कर्णप्रयाग,
जनपद-चमोली,
उत्तराखण्ड।
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