विश्व रंगमंच दिवस
रंगमंच दिवस चलो मनाते हैं,
जिंदगी के अभिनय को बताते हैं।
सबसे पहले ऋग्वेद में जब,
यम यमी उर्वशी व पुरूरवा की बात
यहीं से मानते विद्वान
रंगमंच की शुरुआत।।
आधुनिक दुनिया में 1961 में,
पहली बार मनाया गया।
रंगमंच पर कलाकारों द्वारा,
अद्भुत प्रदर्शन किया गया।।
जिंदगी एक रंगमंच है,
हम सब यहाँ कलाकार।
हर घड़ी अलग अभिनय करते,
पूरा होता है संसार।।
रचयिता
सुधांशु श्रीवास्तव,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मणिपुर,
विकास खण्ड-ऐरायां,
जनपद-फ़तेहपुर।
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