17- मेरा विद्यालय पूर्व माध्यमिक विद्यालय गुदमई, अकराबाद, अलीगढ़ , उत्तर प्रदेश

 🏠मेरा विद्यालय, मेरा गौरव🏡


मेरा विद्यालय, बना विशेष

बदला इसका भौतिक परिवेश

विवरण

👉1- विद्यालय का नाम

पूर्व माध्यमिक विद्यालय गुदमई, अकराबाद, अलीगढ़ , उत्तर प्रदेश 

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*👉2- विद्यालय परिवर्तन में सहयोग और भूमिका:*  जब हमने साल 2015 सितंबर में विद्यालय में जॉइन किया तब विद्यालय एकल विद्यालय था। नामांकित 69 बच्चों के सापेक्ष मात्र 5-15 छात्र आते थे। छात्र मात्र तीन कॉपी में सभी विषयों का काम करते थे।

✳️ इस स्थिति में सुधार के लिए समस्त स्टाफ़ ने सर्वप्रथम अभिभावकों से संपर्क कर उन्हें विश्वास दिलाया कि आप अपने बच्चों को विद्यालय भेजे, इनकी पढ़ाई की जिम्मेदारी हमारी है। परिणामस्वरूप स्थिति में धीरे-धीरे परिवर्तन हुआ और बच्चों की उपस्थिति में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। कोरोना काल पूर्व विद्यालय में नामंकित 83 में से 60-70 बच्चे प्रतिदिन उपस्थित रहते।

✳️ गाँव बालिका शिक्षा के प्रति उदासीन था, उन्हें बालिका शिक्षा के महत्व को समझाया गया..परिणामस्वरूप वर्तमान में विद्यालय में छात्राओं की संख्या 43 जो छात्रों की संख्या 35 से अधिक है।

✳️ गौरतलब है कि प्रतिदिन छात्राओं की उपस्थिति छात्रों से अधिक रहती है।

✳️ छात्रों की उपस्थिति में सुधार के लिए प्रत्येक दिन प्रातःकालीन सभा मे अनुपस्थित बच्चों के घर फोन किया जाता। इससे अभिभावकों का विश्वास विद्यालय के प्रति बढ़ा।





✳️ महिलाओं के प्रति ग्रामीण समाज के नजरिए को परिवर्तित करने के लिए एवं बच्चों के विद्यालय में नियमित तथा साफ सफाई से आने वाली माँ को सम्मानित किया गया।

✳️ माह में 100 प्रतिशत उपस्थिति वाले बालक को सम्मानित एव उपहार दिया जाता है।

✳️ बच्चे निजी स्कूलों के बच्चों को आई-कार्ड /टाई-बेल्ट पहने हुए देख कर स्वयं में ग्लानि महसूस करते थे, इसलिए समस्त स्टाफ के सहयोग से प्रत्येक वर्ष विद्यालय के सभी छात्रों को परिचय पत्र (pvc i-card), टाई-बैल्ट वितरित किया जाता है।

✳️ पास के निजी विद्यालय में विद्यालय के बच्चे वार्षिकोत्सव देखने जाया करते थे। और निजी विद्यालय के बाहर खड़े रहते। इस स्थिति को देखते हुए विद्यालय में गत तीन वर्ष से नियमित वार्षिकोत्सव/विदाई समारोह का आयोजन किया जाता है। इस दिन कक्षा 7 के छात्रों से कक्षा 8 के छात्रों को उपहार दिलाया जाता है। 


*👉3-विद्यालय में वर्तमान भौतिक संसाधन:* जिले की सीमा पर स्थित विद्यालय भौतिक सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है, परंतु विद्यालय स्टाफ ने मिल कर विद्यालय को अच्छा बनाने का प्रयास किया है।

✳️ विद्यालय को आकर्षक बनाने के लिए विद्यालय का नाम सीमेंट से बना कर लगाया।

✳️विद्यालय स्टाफ ने स्वप्रयास से विद्यालय के वार्षिकोत्सव एवं प्रातःकालीन सभा के लिए  स्पीकर की व्यवस्था की।

✳️ विद्यालय में जलभराव की स्थिति को देखते हुए मैंने (भारत सिंह स०अ०) शौचालय एवं नल पर जाने के लिए ईटों का रास्ता बनाया।

✳️ विद्यालय के सौंदर्यीकरण के लिए विद्यालय में मैंने क्यारियों का निर्माण किया एवं उन पर स्वयं रंग किया।

फिर विद्यालय स्टाफ ने मिल कर नर्सरी से ला कर पौधरोपण किया। वर्तमान में विद्यालय फूलो से महक रहा है।

✳️ विद्यालय में फंड का अभाव था, इसलिए विद्यालय को प्रिंटरिच बनाने के लिए मैंने पेंटिंग की। कक्षा कक्षो के बाहर की दीवारों को फूलो की पेंटिंग से सुसज्जित करने का कार्य कीर्ति कुमारी/भारत सिंह ने किया।


*👉4- विद्यालय के नाम कोई विशेष उपलब्धि यदि हो* विद्यालय स्टाफ विद्यालय के छात्रों के उन्नयन के लिए लगातार प्रयासरत है। इसलिए विद्यालय में एक्टिविटी रूम बनाया गया है, जिसमे समस्त स्टाफ के बनाये हुए TLM रखे हुए हैं। बच्चों के लिये पुस्तकालय का निर्माण किया गया है, जहाँ बच्चे अपनी पसन्द की पुस्तकें पढ़ सकते है।


*👉5- विद्यालय परिवार के नाम एवं परिचय:*


(1) श्रीमती विनीता राठौर (इ०प्र०अ०)

(2) कीर्ति कुमारी (स०अ० विज्ञान)

(3) भारत सिंह (स०अ० गणित)


नोट- *आज विद्यालय में जो भी परिवर्तन आये है, उसमे समस्त स्टाफ़ की अतुलनीय मेहनत है। इ० प्र०अध्यपिका का प्रभावी मार्गदर्शन सदैव अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करता है। स०अ० कीर्ति जी की कार्य के प्रति लगन सराहनीय है।* 


*सहयोग:*

भारत सिंह (स०अ०)

जनपद-अलीगढ़


*संकलनकर्ता*

*मिशन शिक्षण संवाद टीम अलीगढ़*

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