शिव अनन्त है
शिव वीभत्स है विभोर है
शाश्वत है शिव अघोर है
शिव सर्व है शिव सर्वत्र है
शिव कर्त्ता, संहर्ता, सर्वज्ञ है
चिता भस्म से प्रत्यंग अंग है
शिवमयी कण-कण में उमंग है
शिव अज्ञ है अनादि, अनन्त है
शिव मृत्युलोक में अघोरी संत है
शिव सत्यं, शिवम, सुन्दरम् है
शिव विषधारक स्वंय उपचार है
सिर गंग तरंग मयंक धारे शम्भु है
शिव तम सृष्टि में प्रकाश पुँज है
शिव अव्यक्त है शिव सशक्त है
भक्त हृदय में आशुतोष रक्त है
शिव जप तप में अविनाशी है
शिव कण-कण, घट-घट वासी है
शिव बाघम्बर, सोम, दिगम्बर है
हर-हर महादेव पूज्य परमेश्वर है
नृत्य करे नटराज बन प्रलयंकर है
तीनों लोक त्रिपुरारि अभयंकर है
भुजदण्य गहे कर त्रिशूल त्रिनेत्रधारी है
शिव परशुहस्त है सकल जटाधारी है
शिव भोले भंडारी की जय-जय है
शिव नीलकंठ है शिव मृत्युञ्जय है
रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी,
जनपद-जौनपुर।
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