होली
होली शब्द स्वयं रंगीला,
लाल, गुलाबी, नीला, पीला।
समझो इसके अर्थ हैं गहरे,
बैरी, दुश्मन सब प्रेम में ठहरे।
हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद,
विष्णु भक्ति में था अह्लाद
बुआ होलिका अग्नि में जल गयी,
उसी दिन से होली मन गयी।
फाल्गुन मास की है फुहार,
बच्चे, युवा और वृद्ध भी खुशहाल
गुझिया, मठरी और पकवान,
मिलकर बनाए सब घर परिवार।
गुलाल और रंग में रंग जाएँ सारे,
"बुरा न मानो" सब यही पुकारे
रंगों में रंगने का अर्थ यही है,
प्रेम रंग से नेक कोई रंग नहीं है।
रचयिता
अंजली गुप्ता,
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम) चिल्ली,
विकास क्षेत्र- बडोखर खुर्द,
जनपद-बाँदा।
Thanks shikshan Samvad team
ReplyDeleteNice poem
ReplyDelete