महिला सशक्तीकरण 261, कुसुमलता गुप्ता, भदोही
*👩👩👧👧महिला सशक्तीकरण विशेषांक-261*
*मिशन शिक्षण संवाद परिवार की बहनों की संघर्ष और सफ़लता की कहानी*
(दिनाँक- 24 मार्च 2021)
नाम - कुसुमलता गुप्ता
पद - प्रधानाध्यापक
विद्यालय-मॉडल प्राइमरी स्कूल प्रजापतिपुर, भदोही, उत्तर प्रदेश
*सफलता एवं संघर्ष की कहानी :-*
👉
प्रथम नियुक्ति तिथि- 19सितंबर 2002,
प्रा विद्यालय - समधा दवनपुर, ब्लॉक- औराई
जनपद - भदोही
द्वितीय नियुक्ति- प्रा विद्यालय बभनौटी प्रथम, ब्लॉक -भदोही,जनपद -भदोही
तृतीय नियुक्ति - प्रा विद्यालय प्रजापतिपुर, भदोही, जनपद -भदोही
*प्रा०विद्यालय दवनपुर से प्रजापतिपुर तक के संघर्ष की कहानी*
👉 प्रा विद्यालय दवनपुर गांव मुख्यमार्ग से तकरीबन 7 km पैदल रास्ता अंदर था। तब आने जाने का वहां कोई साधन नहीं था। अतः अपने साधन से अथवा पैदल ही आना जाना था।विद्यालय में एक शिक्षामित्र और एक इंचार्ज महोदय थे। पहली नियुक्ति के बाद बहुत कुछ सीखना था। बहुत जल्द ही बच्चे हमसे बहुत घुल मिल गए।
👉 खेल खेल में शिक्षा को बढ़ावा दिया।
👉 विद्यालय आते जाते गांव वालों से सम्पर्क करके बच्चों को विद्यालय में दाखिले के लिए प्रोत्साहित किया।
👉 बच्चे और अभिभावक हमसे बहुत घुल मिल गए उनका बहुत स्नेह मिला हमें।
👉 विद्यालय तक कोई साधन न होने के कारण आने जाने में बहुत दिक्कत होती थी । अतःहमें वहाँ से ट्रांसफर कराना था । इसके लिए मैंने गांव वालों से मदद मांगी की अगर वो मेरे ख़िलाफ़ कोई शिकायत पत्र दे देंगे तो शायद मैं वहाँ से कहीं और सम्बद्ध हो जाऊं। पर गांव वालों ने एकदम साफ़ मना कर दिया कि वो कोई शिकायत पत्र नही देंगे और हमें वहाँ से न जाने का अनुरोध भी करने लगे। मैं आज भी उन सभी ग्रामवासियों का हृदय से सम्मान व आदर करती हूं जिन्होनें मुझे बहुत ही स्नेह ,सहयोग व सम्मान दिया ।🙏🏻🙏🏻
👉 *मेरी द्वितीय नियुक्ति* - तमाम प्रयासों के पश्चात अप्रैल 2004 में मेरी नियुक्ति प्रा विद्यालय बभनौटी प्रथम, भदोही में हो गयी।
👉 *विद्यालय की चुनौतियां*- प्रा विद्यालय बभनौटी में जब मैं आयी तो वहाँ सिर्फ़ 2 शिक्षामित्र ही थे। अतः मुझे तुरन्त इंचार्ज बना दिया गया । सारी व्यवस्थाएं अस्त व्यस्त थी । विद्यालय में कोई जिम्मेदार व्यक्ति नही था जो यह बता सके की इसके पूर्व के सारे कार्य, सारे अभिलेख, कैसे क्या है ?? शिक्षामित्र भी इन बातों से अनभिज्ञ थे।
और भी बहुत सारी समस्याएं थी। जिनका समाधान मुझे करना था।
*विद्यालय की समस्याओं का* *समाधान*
🥀कार्यभार ग्रहण करने के बाद बच्चों में शिक्षा के प्रति रूचि जाग्रत करने के लिए 🤹🏻♂️खेल-खेल 🤹♀️ में शिक्षा देनी प्रारम्भ की।
🥀 अभिभावकों से सम्पर्क करना, उन्हें विद्यालय में बुलाकर अभिप्रेरित किया । बच्चों को खासकर *बालिका शिक्षा* पर विशेष बल दिया।
🥀 पढ़ाई के साथ-साथ छात्रों के *व्यक्तित्व विकास* के लिए उन्हें समय-समय पर राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न बिन्दुओं पर *चर्चा, रोल-प्ले, वाद-विवाद, लेखन, चित्रण* आदि के अवसर प्रदान किए।
🥀 *अभिभावक सम्पर्क* बढ़ाकर उन्हें शिक्षा के प्रति जागरूक किया गया एवं सरकार द्वारा छात्रों के उज्जवल भविष्य हेतु किए जा रहे प्रयासों को समझाया।
🥀 मेरे द्वारा उपरोक्त प्रयास का परिणाम यह हुआ कि *जो छात्र संख्या 339 थी वह बढ़ कर 600 से ऊपर पहुंच गई* ।
🥀 आस पास के प्राइवेट स्कूलों के बच्चे भी नाम कटवा कर मेरे विद्यालय में दाखिला लेने लगे।
🥀 अंततः मुझे *नामांकन क्लोज करना पड़ा* ये बात ऊपर तक पहुंच गई गांव के मानिंद व्यक्तियों द्वारा और नामांकन करने की। गुजारिश भी की गई।
🥀 इस प्रकार दिन प्रतिदिन व्यवस्थाएं होती गयी और मेरे स्कूल में अब 12 शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी थी । जो विद्यालय के प्रति बहुत ही समर्पित थे और मेरे साथ विद्यालय विकास कार्यो में पठन- पाठन में पूरा सहयोग किया करते थे।
🥀 कालांतर में मेरा यही प्रमोशन हुआ और मैं प्र अ के पद पर कार्यरत हो गयी।
*मेरी तृतीय नियुक्ति*
🥀दिसम्बर 2014 में मेरी तृतीय नियुक्ति प्रा विद्यालय प्रजापतिपुर, भदोही में हुई, जो कि मेरा वर्तमान विद्यालय भी है।
*इस विद्यालय की चुनौतियां*
👉 विद्यालय की व्यवस्था अस्त व्यस्त थी।
👉 भौतिक परिवेश भी बहुत अच्छा नहीं था।
👉 अभिभावकों की विशेष रुचि नही थी।
👉 अभिभावकों की सोच इस विद्यालय के प्रति बहुत नकारात्मक थी।
👉 *सबसे बड़ी चुनौती कि यहां की छात्र संख्या बहुत ही कम थी 86*
👉मैंने कारण जानने के लिए अभिभावकों से सम्पर्क किया तो पता चला कि वो असन्तुष्ट हैं।
👉 विद्यालय का पिछला रिकॉर्ड चेक किया तो पता चला कि यहां अधिकतम नामांकन 90 ही रहा। इसके ऊपर कभी नामांकन हुआ ही नही।
*समस्या समाधान कैसे किया*
🥀 इन समस्याओं को देखते हुए सबसे पहले मैंने खुद के खर्चे से विदयालय कि भौतिक व्यवस्था में सुधार किया। फिर आसपास के गांवों में जाकर अभिभावकों से सम्पर्क किया। उन्हें विश्वास दिलाया कि अब विद्यालय की व्यवस्था परिवर्तित हो चुकी है। अपने सहायक अध्यापिकाओं के साथ गांव में जाकर अभिभावकों को आश्वस्त किया कि पहले के सभी स्टाफ़ परिवर्तित हो चुके हैं । अब वेल एजुकेटेड वेल ट्रेंड अध्यापकों द्वारा बहुत ही अच्छे तरीके से बच्चों की पढ़ाई होगी। परिणाम यह हुआ कि आस पास के प्राइवेट स्कूलों के बच्चों ने भी मेरे विद्यालय में नामांकन लिया।
🥀परिणामस्वरूप *क्रमशः हर सत्र में नामांकन बढ़ता गया 86, 90, 100, 116, 138, 151*
🥀 अभिभावकों को विद्यालय से जोड़ा गया। विद्यालय के हर कार्यक्रम में उन्हें बुलाया गया। विद्यालय में हो रहे कार्यो को बताया गया।
🥀 विद्यालयी भौतिक परिवेश को आकर्षित बनाने हेतु विभिन्न प्रकार के *टी.एल.एम., क्राफ्ट एवं पेंटिंग* बनाई गई।
🥀कक्षा को रोचक बनाने हेतु छात्रों को *स्व-अभिव्यक्ति के विभिन्न अवसर* उपलब्ध कराये गए।
*प्राइमरी से मॉडल प्राइमरी स्कूल बनने तक का सफ़र*
🥀 मेरी इच्छा थी कि विद्यालय की फर्श पर टाइल्स लग जाएं । इसके लिए मैंने ग्राम प्रधान जी,और smc सदस्यों से बात की कि कुछ सहयोग वो करें और कुछ मैं तो विद्यालय का फर्श टाइल्स युक्त हो जाये।
🥀 मेंरा यह प्रयास रंग लाया संयोग से ही *मॉडल स्कूल बनाने के लिस्ट में मेरे स्कूल का भी चयन* कर लिया गया।
🥀 मेरा विद्यालय कायाकल्प के निर्धारित 14 पैरामीटर के अंतर्गत - टाइल्स युक्त कक्षा - कक्ष , मल्टीपल हैंड वाश यूनिट , बालक - बालिका शौचालय, यूरिनल , इंटरलॉकिंग , विद्युत व्यवस्था , सब मर्सिबल इत्यादि संसाधनों से परिपूर्ण होकर *मॉडल स्कूल बन गया* ।
🥀 स्वच्छता अभियान के अंतर्गत अभिभावकों के साथ मिलकर *सोप बैंक* खोला गया।
🥀सुव्यवस्थित, सुंदर और आकर्षक *रीडिंग कॉर्नर* बनाई गई। *स्कूल लाईब्रेरी* का आकर्षित तरीके से सफल क्रियान्वयन किया।
👉 *🤹🏻♂️खेल-खेल🤹♀️ में शिक्षा* -
🥀 छात्रों को अपने देश की मिट्टी से जोड़ने के लिए मिट्टी के खिलौने बनवाए।
🥀 *पर्यावरण से जोड़ने* हेतु छात्रों से *वृक्षारोपण* कराया और साथ ही *रोपित पौधों की जिम्मेदारी* छात्रों को एक-एक पौधा गोद देकर की गई।
🥀 राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न बिन्दुओं जैसे- *💧जल संरक्षण, गौरैया संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण, स्वच्छता, पॉलीथिन, कचरा प्रबंधन* आदि पर विभिन्न *रोल-प्ले* करा कर छात्रों के व्यक्तित्व को परिमार्जित किया।
🥀 छात्रों को *विभिन्न प्रकार के क्राफ्ट* जैसे- 🐟मछली, 🐅शेर, 🐢कछुआ, 🦒जिराफ, 🦋तितली, 🐰खरगोश, 🦅चिड़िया, 🌷फूल, 🎪झोपड़ी आदि बनाने सिखाए।
🥀 चुनाव द्वारा *बाल संसद का गठन* करके छात्रों को विद्यालय की कुछ जिम्मेदारी सौंपी गई।
🥀 *प्रत्येक शनिवार खेल आयोजन* एवं प्रथम आने वाले छात्रों के उत्साह वर्धन हेतु *पुरुस्कारों (📕कॉपी,✏️ पेंसिल,🎨 रंग आदि)* की व्यवस्था की गई।
🥀 *एक्टिविटी आधारित* शिक्षण व्यवस्था की गई | पठन पाठन में *ICT का प्रयोग* किया जाने लगा।
👉 *विद्यालय और विद्यार्थियों की उपलब्धियां*-
🥀 विद्यालय को *जनपद एवं ब्लॉक स्तर पर पहचान* दिलाई।
🥀 *मिशन शिक्षण संवाद द्वारा* मेरे नवाचारों के आधार पर मुझे *सम्मानित भी किया गया* ।
🥀 गांव के *प्राईवेट स्कूलों से ग्रामीणों का सरकारी विद्यालय के प्रति रूझान बढ़* गया है।
🥀 *विभागीय प्रदर्शनी में हमारे TLM का अच्छा प्रदर्शन करने पर मुझे तथा मेरी स अ सोनल वर्मा को सम्मानित भी किया गया*।
🥀 तत्कालीन *जिलाधिकारी महोदय श्री राजेन्द्र प्रसाद जी तथा सांसद भदोही श्री वीरेंद्र सिंह जी* द्वारा स्वच्छता सम्बन्धी पैरामीटर पूर्ण होने के कारण मुझे सम्मानित किया गया ।
👉 *छात्र उपस्थिति* -
🥀 अच्छी छात्र उपस्थिति हेतु विद्यालय में *खेल एवं विभिन्न एक्टिविटीज़* को स्थान दिया गया।
🥀 *प्रतिदिन पी.टी., 🧘🏻♀️योगासन, शिक्षाप्रद कार्टून फिल्मों को दैनिक जीवन* का अंग बनाया गया।
🥀 नित नए *नवाचारों के माध्यम से* शिक्षण को बढ़ावा दिया ।
🥀 छात्रों के मध्य विभिन्न प्रतियोगिताओं का स्वस्थ आयोजन किया गया।
🥀 घर-घर जाकर *अभिभावक संपर्क* बढ़ाया गया।
🥀 विभिन्न बैठकों का ससमय आयोजन किया गया एवं *छात्रों की उपलब्धियों से अभिभावकों को अवगत* कराया गया।
🥀 जनपद स्तर पर *स्कूल चलो रैली में प्रतिभाग एवं विद्यालय स्तर पर स्कूल चलो अभियान को सफल बनाने हेतु रैली का बड़े मनोरंजक तरीके से आयोजन किया गया*।
🥀 कोरोना महामारी में *ऑनलाइन ई-पाठशाला* की शुरुआत जनपद स्तर पर सबसे पहले की।
🥀 कोविड 19 के समय गांव में जाकर बच्चों के साथ शिक्षण कार्य किया ।
🥀 छात्रों के लिए प्रकरण आधारित विभिन्न एनीमेटेड विडिओस् बनाकर भेजे गए।
👉 *शिक्षक की उपलब्धि* -
🥀 *विभागीय प्रदर्शनी में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भदोही द्वारा जनपद स्तर पर शिक्षा में शून्य निवेश नवाचार हेतु सम्मानित किया गया।*
🥀 *ग्रेडेड लर्निंग प्रोग्राम में जनपद स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने हेतु सम्मानित* किया गया
🥀 *महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के अंतर्गत अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस पर जिलाधिकारी महोदय श्री राजेन्द्र प्रसाद जी द्वारा मुझे सम्मानित किया गया* ।
🥀 अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर *बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ* के अन्तर्गत जनपद स्तर डी.एम.सर द्वारा सम्मानित किया गया
🥀 विभिन्न ऑनलाइन कार्यशालाओं में राज्य स्तर पर ई-प्रशस्तिपत्र प्राप्त।
*सभी शिक्षकों को रखे जोड़कर, जहाँ हम सब करते अपने नवाचार शेयर,*
*सुबह सवेरे प्रेरित सुविचार, ऐसे मिशन शिक्षण संवाद को मेरा नमस्कार🙏*
_✏संकलन_
*📝टीम मिशन शिक्षण संवाद।*
धन्यवाद मिशन शिक्षण संवाद 🙏🙏
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