फुहार
तर्ज-लेके पहला पहला प्यार
लेके रंगों की फुहार,
आया होली का त्योहार।
दिल के झगड़े मिटाने,
आया पावन ये त्योहार।
लेके रंगों की..........
रंगों की छाई है हर ओर बदली,
खुशियों की रिमझिम करने को पगली।
हाय सबके घर आँगन और द्वार,
लाया खुशियाँ अपार।
दिल के झगड़े मिटाने,
आया पावन ये त्योहार।
लेके रंगों की...........
बूढ़े, जवान हों या हों बच्चे,
दुश्मन बैरी हों या हों मित्र सच्चे।
हाय होली में सब बन जाएँ यार,
जागे दिल सबके प्यार।
दिल के झगड़े मिटाने,
आया पावन ये त्योहार।
लेके रंगों की.............
गुझियाँ, पापड़ और शक्करपारे,
पूड़ी पकवान भी हमको पुकारे।
हाय झूमें मस्ती में सब आज,
ना अब कोई है फरियाद।
दिल के झगड़े मिटाने,
आया पावन ये त्योहार।
लेके रंगों की..............
लाल, हरा, पीला, नीला,
और गुलाल आसमानी।
रंग भरी पिचकारी,
हाय भांग की ठंडाई निराली,
भूल कर सारी दुनियादारी।
दिल के झगड़े मिटाने,
आया पावन ये त्योहार।
लेके रंगों की..............
रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।
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