रंगों का त्योहार होली
फाल्गुन आया
संग अपने
होली लाया।
लाल हरे
नीले पीले
सब रंगों ने
निराली छटा
बिखेरी।
पिचकारी की
फुहार ने
सावन की याद
दिला दी।
पापड़ गुझिया
और मिठाई ने
सब की
भूख बढ़ा दी।
रंगीले चेहरों ने
न्यारी शोभा
दिखा दी।
बच्चे जवान
और बूढ़े
सब पर
मस्ती छा गई।
देखो होली आ गई
देखो होली आ गई।
रचयिता
सुषमा मलिक,
सहायक अध्यापक,
कंपोजिट स्कूल सिखेड़ा,
विकास खण्ड-सिंभावली,
जनपद-हापुड़।
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